नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन भगवान गणेश जी (Lord Ganesha) को घर में लाया जाता है। उनकी पूजा की जाती है और गणेश जी को प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। गणेश जी बुद्धि और रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं। इसलिए जो भी सच्चे मन से गणेश जी की आराधना करता है उसपर गणेश जी की विशेष कृपा होती है। जिसके बाद 11 दिनों के बाद गणपति जी का विसर्जन (Ganpati Visarjan) किया जाता है।
इस बार गणपति जी का विसर्जन कल होने वाला है, गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। ऐसे में बप्पा के विसर्जन की तैयारियां भी शुरु हो चुकी है, लोगों ने 10 दिनों तक बप्पा को अपने घरों को रखा और और उनके पंसदीदा चीजों का भोग लगाकर उनकी पूजा की और उन्हें प्यार किया और अब उनके विदा होने का वक्त आ गया है जो बेहद कष्टदाई होता है।
अनंत चतुर्दशी पर बप्पा की विदाई
हिंदू पंचांग के अनुसार अनंत चतुर्दशी 1 सितंबर को है और इसी दिन से पितृ पक्ष का भी आरंभ हो रहा है। अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। इस दिन बप्पा जी को विधि पूर्वक विसर्जन करते हैं, गणेश जी का आर्शवाद मिलने से घर में सुख और समुद्धि आती है। जिस तरह हम बप्पा को घर लेकर आते हैं ठीक उसी तरह से हम उनका विसर्जन भी करते हैं ताकि वो हंसी-खुशी अगले साल हमपर अपनी कृपा फिर से बरपा सकें।
शुभ मुहूर्त
प्रात:काल का मुहूर्त: सुबह 09:10 बजे से दोपहर 01:56 बजे तक
गणेश विसर्जन का दोपहर का मुहूर्त: दोपहर 15:32 बजे से सांय 17:07 बजे तक
गणेश विसर्जन का शाम का मुहूर्त: शाम 20:07 बजे से 21:32 बजे तक
गणेश विसर्जन का रात्रिकाल मुहूर्त: रात्रि 22:56 बजे से सुबह 03:10 बजे तक है।
ऐसे होता है विसर्जन
1 सितंबर को अनंत चतुर्दशी की तिथि है, इस दिन सुबह स्नान करने के बाद गणेश जी की पूजा करें और उनके प्रिय चीजों का भोग लगाएं। पूजा के दौरान गणेश मंत्र और गणेश आरती का पाठ करें। इस दौरान स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और बप्पा के विसर्जन की तैयारियां शुर कर दें।