newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Geeta Jayanti 2021: गीता जयंती के दिन अपने करीबियों को भेजें स्पेशल मैसेजेस

Geeta Jayanti 2021: सनातन धर्म की सबसे पवित्र ग्रंथ गीता का काफी महत्व है। भगवद् गीता हिंदू धर्म में पूजी जा है। आज देश में गीता जयंती मनाई जा रही है। कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुई बातचीत का सार भगवद् गीता में दिया गया है।

नई दिल्ली। सनातन धर्म की सबसे पवित्र ग्रंथ गीता का काफी महत्व है। भगवद् गीता हिंदू धर्म में पूजी जा है। आज देश में गीता जयंती मनाई जा रही है। कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुई बातचीत का सार भगवद् गीता में दिया गया है। गीता जयंती को काफी पूजनीय ग्रंथ माना जाता है। यह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। दुनियाभर के हिंदू इस दिन गीता का पाठ करते हैं। कहते हैं ऐसा करने से शख्स को मृत्यु के मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसी वजह से लोगों के जीवन में भगवद गीता का अहम स्थान है।

गीता में 700 श्लोक

बता दें कि गीता में 18 अध्याय हैं जिनमें 700 श्लोक है। जिनमें उन सभी की समस्याओं का समाधान दिया गया है, जो लोगों के जीवन में किसी न किसी पड़ाव पर आते हैं। यही वजह से गीता जयंती के दिन लोग गीता का पाठ करते हैं। गीता जयंती के दिन आप भी अपने करीबियों को संदेश भेज सकते हैं।

इस तरह दें गीता जयंती की बधाई

सूनी है जिंदगी गीता के बिन,

अपनाओं इसके नियम प्रतिदिन

हम देते हैं आपको शुभकामना,

आज है गीता जयंती का दिन

गीता जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक:

न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत

मतलब: आत्मा को न तो शस्त्र काट सकते हैं और न ही आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है।

bhagvad geeta

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्

मतलब: मैं प्रकट होता हूं, मैं आता हूं जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं, जब जब अधर्म बढ़ता है। सज्जन लोगों की रक्षा करने के लिए मैं आता हूं। दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं।

क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:

स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति

मतलब: क्रोध करने से मनुष्य की मति मारी जाती है. यानी आदमी मूढ़ हो जाती है, जिससे स्मृति भ्रमित हो जाती है। स्मृति-भ्रम हो जाने से मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है और बुद्धि का नाश हो जाने पर मनुष्य खुद अपना ही का नाश कर बैठता है।