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Guru Nanak Jayanti 2022: ‘गुरु नानक जयंती’ आज, जानिए प्रकाश पर्व का क्या है इतिहास

Guru Nanak Jayanti 2022: आज गुरु नानक देव जी का पावन प्रकाश उत्सव है, पूरे देश और दुनिया में जहां भी भारतवंशी निवास कर रहे हैं वो पूरी श्रद्धा के साथ इसे मना रहे हैं। सिख गुरु जहां भी जाते है, शक्ति और विश्वास का प्रकाश फैलाते है। गुरु नानक जी का जीवन और शिक्षाएं पीढ़ियों को राष्ट्र, धर्म और मानवता के लिए निस्वार्थ रूप से समर्पित रहने के लिए प्रेरित करता हैं।

नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इस बार यह 8 नवंबर यानी आज है। आपको बता दें कि इस बार गुरु नानक का 553वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। सिख धर्म के अनुयायियों के लिए ये दिन बेहद ही खास होता है और इस दिन पूरे गुरु द्वारे तथा अन्य जगहों पर इसे धूमधाम से मनाया जाता है। आज के दिन गुरु नानक का जन्म हुआ था। इस दिन को गुरु पूरब या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। इसी वजह से पूरे देश के कोने- कोने में आज के दिन कीर्तन रखा जाता है। आइए हम आपको गुरु नानक जयंती का इतिहास बताते है। आज गुरु नानक देव जी का पावन प्रकाश उत्सव है, पूरे देश और दुनिया में जहां भी भारतवंशी निवास कर रहे हैं वो पूरी श्रद्धा के साथ इसे मना रहे हैं। सिख गुरु जहां भी जाते है, शक्ति और विश्वास का प्रकाश फैलाते है। गुरु नानक जी का जीवन और शिक्षाएं पीढ़ियों को राष्ट्र, धर्म और मानवता के लिए निस्वार्थ रूप से समर्पित रहने के लिए प्रेरित करता हैं।

गुरु नानक साहब का इतिहास

जानकारों के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि गुरु नानक सिख धर्म के पहले गुरु है। 15 अप्रैल 1469 को गुरु नानक देव का जन्म तलवंडी ननकाना साहेब में हुआ था। इसी कारण इन्हें नानक साहब के नाम से संबोधित किया गया था। ऐसा माना जाता है कि सिख समाज की नींव गुरु नानक साहब ने ही रखी थी इसी कारण इन्हें संस्थापक कहा जाता है। इन्हें बाबा नानक, नानक साहब जी, नानकशाह नाम से संबोधित किया जाता है। गुरु नानक साहब का जन्म क्षत्रिय कुल में हुआ था। इनके पिता का नाम मेहता कालूचन्द खत्री और माता का नाम तृप्ता देवी था। गुरु नानक बचपन से ही काफी विद्वान थे, बचपन से ही सांसारिक विषय पर काफी ध्यान देते थे।

कब मनाई जाएगी गुरु नानक जयंती 

इस साल 08 नवंबर को गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त कार्तिक पूर्णिमा 2022 है।

कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत 07 नवंबर सोमवार को शाम 4 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा।

कार्तिक पूर्णिमा का समापन 08 नवंबर दिन मंगलवार को शाम 04 बजकर 31 मिनट पर होगा।