नई दिल्ली। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर को हिन्दुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है। यह वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। यह भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। जगन्नाथ रथ यात्रा कल यानी 12 जुलाई से शुरू हो रही है।
जगन्नाथ रथ यात्रा 12 जुलाई से शुरू हो कर देवशयनी एकादशी के दिन 20 जुलाई तक चलेगी। पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना गाइडलाइंस के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु इसमें भाग नहीं ले सकेंगे। लेकिन पूरे विधि-विधान के साथ इसका पालन किया जाएगा। उड़ीसा के पुरी के अतिरिक्त देश कई और हिस्सों में भी लोंग भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकालते हैं।
द्वितीया की तिथि आज 11 जुलाई को सुबह 07:47 बजे लग चुकी है लेकिन सूर्योदय कल 12 जुलाई की द्वितिया तिथि होगा जो कि 08:19 बजे तक रहेगी। इसलिए द्वितिया तिथि कल मानी जाएगी और रथ यात्रा भी कल सुबह से शुरू होगी।
जानिए रथयात्रा का इतिहास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में एक बार श्री सुभद्रा जी ने नगर देखना चाहा, उस समय भगवान श्री कृष्ण उन्हें रथ पर बैठाकर नगर का भ्रमण करते है। इसी उपलक्ष्य में ओडिशा राज्य के पूर्वी तट पर स्थित जगन्नाथ मंदिर में हर वर्ष जगन्नाथ जी, बलराम जी एवम सुभद्रा जी की प्रतिमूर्ति को रथ पर बैठाकर नगर के दर्शन कराए जाते है।