नई दिल्ली। एक साल में कुल 12 कालाष्टमी (Kalashtami 2023) पड़ती है। माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को इसे मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में कालाष्टमी का खास महत्व है। खासकर भोलेनाथ को मानने वाले लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अगस्त का महीना चल रहा है और इस महीने में आज 8 अगस्त 2023, मंगलवार को श्रावण अधिक मास की कालाष्टमी मनाई जा रही है। कालाष्टमी पर भोलेनाथ के काल भैरव रूप की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन काल भैरव स्तुति का पाठ करने से व्यक्ति के सभी दुख-संकट दूर हो जाते हैं। चलिए जानते हैं कैसे करनी है आपको कालाष्टमी (Kalashtami Puja Vidhi) पर पूजा और क्या है इसका इसका महत्व
कालाष्टमी का क्या है महत्व
जैसा कि हमने आपको बताया कि हिंदू धर्म में कालाष्टमी का खास महत्व होता है। ये दिन देवों के देव महादेव के उग्र रूप काल भैरव अवतार को समर्पित किया गया है। ऐसे में इस दिन काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। काल भैरव के रूप पर नजर डाले तो काल गहरे रंग में अपना रौद्र रूप दिखाने वाले काल भैरव का वाहन कुत्ता है। कहा जाता है कि अगर कोई सच्चे मन और श्रद्धा से इनकी पूजा करता है तो इससे व्यक्ति के घर और उसके जीवन से सारे दुख-दर्द और नकारात्मक शक्ति चली जाती है। धार्मिक ग्रंथों में इस बात की जानकारी दी गई है कि काल भैरव कुल 52 शक्तिपीठों की सुरक्षा करते है।
इस तरह से करें कालाष्टमी पर
- आज सावन अधिक मास की कालाष्टमी है ऐसे में आप शाम के समय शिवलिंग का दूध और दही से अभिषेक जरूर करें।
- शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद आप 21 बेलपत्र लेकर उनमें लाल चंदन से ऊं लिखें।
- अब ऊं लिखें इन बेलपत्रों को आप एक-एक करके भोलेनाथ को समर्पित करें।
- हर बेलपत्र चढ़ाते समय ‘ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
- काल भैरव का वाहन कुत्ता है ऐसे में आप इस दिन कुत्ते को गुड़ से बनी मीठी रोटी जरूर खिलाएं।
- इस तरह से पूजा करने पर आपको भोलेनाथ के उग्र रूप काल भैरव की कृपा मिलती है।
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