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Somvati Amavasya 2021: सोमवती अमावस्या पर गलती से भी ना करें ये 6 काम

Somvati Amavasya 2021: कहते हैं अगर आपने सोमवती अमावस्या का व्रत किया है तो इस दिन आपको श्रृंगार करने से बचना चाहिए। सादगी के साथ व्रत पूरा करें। सोने के लिए भी केवल चटाई का इस्तेमाल करें। इस दिन शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए। दोपहर में भी सोने से भी परहेज करें।

नई दिल्ली। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। माना जाता है ये अमावस्या व्यक्ति को भाग्यशाली बन सकती है। खासकर हिंदू धर्म में इसका बड़ा महत्व होता है। कहते हैं जो भी व्यक्ति इस दिन सच्चे मन के साथ पूजा करता है। तो उनकी पूजा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही महिलाएं इसे करें तो उन्हें पति को लंबी उम्र जैसे लाभ मिलते हैं। भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या आज 6 सितंबर को मनाई जा रही है। ऐसे में आपको बताते हैं आज किन कामों से आपको बचना चाहिए।

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नकारात्मक शक्तियों से दूर

इस दिन दिन आपको नकारात्मक शक्तियों से दूर रहना चाहिए साथ ही मन में भी बुरे विचार नहीं लाने चाहिए क्योंकि बुरे विचार व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है। इससे मनुष्य का खुद पर से नियंत्रण खत्म हो जाता है।

कलह का माहौल न बनाएं

अगर आप पितरों की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन आपको घर में सुखद माहौल बनाए रखना चाहिए। लड़ाई-झगड़े से दूरी बनाकर रखनी चाहिए साथ ही किसी को बुरे वचन बोलने से भी बचना चाहिए।

संयम बरतना चाहिए

इस दिन व्यक्ति को खुद पर संयम बरतना चाहिए। उन्हें यौन संबंध बनाने से भी इस दिन बचना चाहिए। गरुण पुराण के अनुसार, अमावस्या पर जो लोग यौन संबंध बनाते हैं उनकी पैदान होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं मिलता।

पीपल का स्पर्श

अमावस्या वाले दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ती होती है लेकिन शनिवार को छोड़कर किसी दूसरे दिन पीपल को नहीं छूना चाहिए। ऐसे में आज इस दिन पूजा तो कर लें लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श ना करें। वरना आपको धन भी हो सकती है।

शराब-मांस से रहें दूर

अमावस्या पर शराब और मांस इत्यादि के सेवन से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही सोमवती अमावस्या को शेविंग, हेयर कट और नेल कटिंग भी नहीं करनी चाहिए। इस दिन इन कामों को भी वर्जित माना जाता है।

श्रृंगार करने से बचें

कहते हैं अगर आपने सोमवती अमावस्या का व्रत किया है तो इस दिन आपको श्रृंगार करने से बचना चाहिए। सादगी के साथ व्रत पूरा करें। सोने के लिए भी केवल चटाई का इस्तेमाल करें। इस दिन शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए। दोपहर में भी सोने से भी परहेज करें।