नई दिल्ली। बरसाने (Barsana) में आज लट्ठमार होली (Lathmar Holi) मनाई गई। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई। लठमार होली खेलने लोग कोरोना से बेखौफ होकर बरसाना आए और इस होली का आनंद लिया। बता दें कि बरसाने में भी होली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। जो रंग-गुलाल के अलावा लाठी और डंडों से खेली जाती है। जिसे लट्ठमार होली कहा जाता है। देश और दुनिया से तमाम लोग लट्ठमार होली मनाने के लिए बरसाने आते हैं।
होली से एक हफ्ते पहले ये ब्रज में लठमार और लड्डू होली का पर्व मनाया जाता है। हर साल की तरह की इस साल भी लोगों की भारी भीड़ होली खेलने पहुंची। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भी लोग वहां होली खेलने पहुंचे। बड़े धूमधाम से लट्ठमार होली मनाई गई। जो रंग-गुलाल के अलावा लाठी और डंडों से खेली गई।
लट्ठमार होली की मान्यता
लट्ठमार होली मनाने के पीछे धार्मिक मान्यता ये है कि बरसाना में राधा जी का जन्म हुआ था। ऐसे में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को नंदगांव के लोग होली खेलने के लिए बरसाना जाते हैं। जहां पर लड़कियों और महिलाओं के संग लट्ठमार होली खेली जाती है। इसके बाद दशमी तिथि पर लोग रंगों की होली खेलते है।
किस दिन कौन-सी होली खेली जाएगी
नंद गांव में लट्ठमार होली- 24 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली खेली जाएगी।
फूलों की होली और रंगभरनी होली- 25 मार्च को मथुरा के श्री द्वारकाधीश मंदिर में फूलों की होली खेली जाएगी, तो वहीं वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में रंगभरनी होली खेली जाएगी।
छड़ीमार होली- 26 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली मनाई जाएगी।
गुलाल की होली- 27 मार्च को वृंदावन में गुलाल से होली खेली जाएगी। यहां वृंदावन में रहने वाली विधवाएं रंगों वाली होली खेलेंगी।