नई दिल्ली। आज आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी योगिनी एकादशी है। भगवान विष्णु को मनाने के लिए आज के दिन विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू मान्यताओं पर अगर ध्यान दें तो इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, और अपने भक्तों को सभी पापों से मुक्त कर देते हैं। सच्चे दिल से व्रत करने वाला व्यक्ति सभी सुखों को भोग कर मुक्ति पाता है। कहा जाता है कि जो भक्त पूरी श्रृद्धा के साथ यह व्रत करते हैं, भगवान श्रीहरि उनकी मनोकामना पूरी करने में जरा भी देरी नहीं करते। क्योंकि यह एक व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर होता है। जो भी इस व्रत को करता है उसके घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास हमेशा रहता है।
क्या है व्रत का महत्व
बता दें कि यूं तो हर महीने दो बार एकादशी का व्रत किया जाता है, लेकिन योगिनी एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचार भगवान शिव करते हैं। कहा जाता है कि इन 4 महीनों तक मांगलिक कार्यों पर भी रोक लगा दी जाती है।
इन नियमों का करें पालन
बता दें कि योगिनी एकादशी से पहले निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। जिसमें व्रती पानी का सेवन नहीं करते, उसी तरह योगिनी एकादशी के दिन भी व्रती पानी का सेवन नहीं कर सकते व्रत पूरा करने के बाद ही पानी का सेवन किया जाता है।
क्या करें और क्या न करें
- आज के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और मांस- मदिरा के सेवन से दूर रहना चाहिए। एकादशी के पावन दिन पर चावल का सेवन भूलकर भी न करें।
- किसी के भी प्रति अपशब्दों का प्रयोग करने से यह व्रत टूट जाता है। इस पावन दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- धार्मिक शास्त्र कहते हैं कि इस दिन दान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन दान- पुण्य अवश्य करें।
- इस पावन दिन पर भगवान विष्णु को भोग जरूर लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी का पत्ता जरूरी शामिल करें। भगवान को सात्विक चीजों से भोजन करवाएं।
- मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।