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जानें क्यों राजनीति में हस्तियां पहनती हैं एकमुखी रुद्राक्ष, क्‍या हैं इसके फायदे

Rudraksh: रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है। रूद्राक्ष को लेकर पुराणों में एक कथा ये बताई गई है कि एक बार तप के दौरान जब भगवान भोले शंकर क्षुब्‍द यानी भावुक हो गए तो उनके नेत्रों से कुछ बूंदें धरती पर गिरी जिनसे रुद्राक्ष की उत्‍पत्ति हुई। वैसे तो एकमुखी रुद्राक्ष मिलना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन कहा जाता है रुद्राक्ष पहनने से इसे धारण करने वाले को असीम शक्ति प्राप्‍त होती है।

नई दिल्ली।अक्सर आपने चर्चित लोगों के हाथ या गले में एकमुखी रुद्राक्ष देखा भी होगा। ये देखकर आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर इसे धारण क्यों किया जाता है और दूसरे रूद्राक्ष से ये अलग कैसे है। अगर आप भी इन्हीं सवालों से परेशान हैं तो आज हम आपको बताएंगे एकमुखी रुद्राक्ष से जुड़ी कुछ खास बातें

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कैसे हुई इसकी उत्पत्ति

रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है। रूद्राक्ष को लेकर पुराणों में एक कथा ये बताई गई है कि एक बार तप के दौरान जब भगवान भोले शंकर क्षुब्‍द यानी भावुक हो गए तो उनके नेत्रों से कुछ बूंदें धरती पर गिरी जिनसे रुद्राक्ष की उत्‍पत्ति हुई। वैसे तो एकमुखी रुद्राक्ष मिलना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन जिसे ये प्राप्त होता है उस व्यक्ति में असीम शक्ति का संचार होता है, वह प्रभावशाली होता है, उसकी मान प्रतिष्ठा में अद्भुत वृद्धि होती है।

ऐसा होता है एकमुखी रुद्राक्ष का आकार

एकमुखी रुद्राक्ष के आकार की बात करें तो ये अर्द्धचंद्रमा या फिर काजू के आकार का होता है। हालांकि कई बार इनका आकार गोलाकार भी देखने को मिल जाता है। बता दें कि प्राकृतिक रूप से एकमुखी रुद्राक्ष के मुख पर केवल एक रेखा होती है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति एक मुखी रूद्राक्ष को पहनता है तो उसे सभी कष्ट तो दूर होते ही है साथ ही उसके सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

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ये हैं एकमुखी रुद्राक्ष के स्‍वामी

ज्‍योतिष के मुताबिक, एकमुखी रुद्राक्ष के स्‍वामी सूर्यदेव बताए जाते हैं। कहा जाता है कि अगर किसी जातक की राशि में सूर्य कमजोर है तो उसे ये धारण करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष पहनना फायदेमंद हो सकता है।

नेताओं की पहली पसंद एकमुखी रुद्राक्ष

रुद्राक्ष को लेकर लोगों में ये भी मान्यता है कि ये इसे धारण करने वाले व्यक्ति को बेहतरीन लीडरशिप क्षमता देता है। यही कारण भी है कि ज्यादातर नेता एकमुखी रुद्राक्ष पहनना पसंद करते हैं। एकमुखी रुद्राक्ष को लेकर ये भी कहा जाता है कि जो भी जातक इस रूद्राक्ष को धारण करता है उसपर मां लक्ष्‍मी भी विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसे में उस व्यक्ति के जीवन में धन, समृद्धि और मान-सम्मान की वृद्धि होती है।

दिल से जुड़े रोगों से मिलती है सुरक्षा

सूर्य का संबंध हृदय के स्वस्थ रहने से होता है। जो भी अपनी कुंडली में सूर्य की कमजोरी से परेशान हो या फिर वो व्यक्ति दिल से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो उन्हें एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए इसके साथ ही ये कहा जाता है एकमुखी रुद्राक्ष को पहनने से सिरदर्द, मानसिक रोग, हड्डियों की कमजोरी और आंख की रोशनी से जुड़ी समस्‍याएं भी कम होने लगती है।

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दिल से जुड़े रोगों से मिलती है सुरक्षा

सूर्य का संबंध हृदय के स्वास्थय से होता है। जो भी व्यक्ति सूर्य की कमी के कारण दिल से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं उन्हें एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए इसके साथ ही ये कहा जाता है एकमुखी रुद्राक्ष को पहनने से सिरदर्द, मानसिक रोग, हड्डियों की कमजोरी और आंख की रोशनी से जुड़ी समस्‍याएं भी कम होने लगती है।