नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर साल चार नवरात्र आते हैं लेकिन इन चार नवरात्रों में से सबसे ज्यादा महत्व शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र को दिया जाता है। 9 दिनों तक रहने वाले इस त्योहार में माता के 9 रूपों की उपासना की जाती है। भक्त इन 9 दिनों में उनकी मन से उपासना करते हैं अपने सारे दुख-दर्द दूर करने और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होने की कामना करते हैं। इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत 07 अक्टूबर, गुरुवार के दिन हो रही है इसलिए मां दुर्गा डोली में सवार होकर आएंगी। इसी दिन कलश स्थापना या घटस्थापना किया जाता है जिससे ये पर्व शुरु होता है। 9 दिनों तक चलने वाले ये पर्व में हर दिन मां के अलग-अलग स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। 15 अक्टूबर को धूमधाम के साथ विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा। इसी दिन दुर्गा विसर्जन भी किया जाएगा।
जानें शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना या घटस्थापना के साथ इस त्योहार की शुरूआत होती है। घटस्थापना के कुछ खास नियम होते हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए। घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखना चाहिए। इस बार (7 अक्टूबर) घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा जो सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।
घटस्थापना विधि
- देवी मां की चौकी संजाने के लिए हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा का स्थान चुनें।
- अब इस स्थान को साफ कर लें और गंगाजल से शुद्ध करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर मां की मूर्ति की स्थापना करें।
- इसके बाद गणेश जी का ध्यान करते हुए कलश स्थापना करें।
- कलश स्थापना या घट स्थापना के लिए नारियल में चुनरी लपेटें।
- कलश के मुख पर मौली बांधे।
- अब कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, दूर्वा, रुपए का सिक्का और सुपारी हल्दी की गांठ डालें।
- कलश में आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल को रखें।
- फिर इस कलश को दुर्गा की मूर्ति की दायीं ओर स्थापित करें।