नई दिल्ली। आज तुलसी विवाह मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में तुसली विवाह का खास महत्तव है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार शालीग्राम के साथ तुलसी माता का विवाह कराया जाता है। कहा जाता है कि शालीग्राम और तुलसी माता का विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाती है। जिनकी शादी नहीं हो पा रही या बाधा आ रही है वो आज के दिन तुलसी मां की पूजा करें। इसके साथ ही घर में सुख शांति आती है।
तुसली विवाह पर पढ़ें व्रत कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राप दे दिया था। उन्होंने विष्णु जी को कहा था कि तुम काला पत्थर बन जाओ। इसी श्राप की मुक्ति के लिए विष्णु जी ने शालीग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया, इसके बाद तुलसी से विवाह किया। तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
तुसली विवाह महत्व
इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। इस विवाह को कराने वाले के काफी पुण्य मिलता है। ये पुण्य उतना ही मिलता है जितना एक कन्यादान कराने पर मिलता है। बता दें कि शालिग्राम जी को भगवान विष्णु का अवतार हैं। तो वहीं तुलसी मां लक्ष्मी का अवतार हैं।
तुसली विवाह शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह सोमवार, नवम्बर 15, 2021 को
द्वादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 15, 2021 को 06:39 ए एम बजे
द्वादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 16, 2021 को 08:01 ए एम बजे
तुसली विवाह पूजन विधि
इस खास तौर पर तुसली के पौधे की पूजा की जाती है और माता तुसली का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। जिसके लिए सबसे पहले तुलसी के पौधे के चारों तरफ मंडप बनाएं। फिर तुलसी के पौधे पर लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। फिर श्रृंगार की चीजें भी चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शालिग्राम की पूजा करें। फिर भगवान शालिग्राम की मूर्ति को उठाए और तुलसी जी के साथ सात परिक्रमा कराएं। इसके बाद अंत में आरती करें और विवाह पूर्ण करें।