नई दिल्ली। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस साल 4 दिसंबर को पड़ रही है। इस अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस साल की ये अमावस्या काफी खास हैं। इसका कारण ये है कि ये अमावस्या शनिवार पड़ रही है। इसलिए इसे शनैश्चरी अमावस्या कहा जाएगा। इस दिन शिन देव की पूजा की जाती है। साथ ही अगर आपको शनि देव की कृपा पानी है तो इस दिन उनकी पूजा पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए।
शनि अमावस्या पूजा मुहूर्त
मार्गशीर्ष, कृष्ण अमावस्या
प्रारम्भ – 04:55 पी एम, दिसम्बर 03
समाप्त – 01:12 पी एम, दिसम्बर 04
पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या के सभी दिन श्राद्ध की रस्मों को करने के लिए उपयुक्त हैं। कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है। अमावस्या को अमावस या अमावसी के नाम से भी जाना जाता है।
शनिदेव पूजा मंत्र
ओम शनैश्चराय विद्महे सूर्य पुत्राय धीमहि।। तन्नो मंद: प्रचोदयात।।