नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूजनीय त्रिदेवों में से एक देव भगवान शिव की बहुत अधिक मान्यता है। कहा जाता है, कि सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। शिव साधकों के लिए महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 1 मार्च 2022, मंगलवार को मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने घोर तपस्या की थी। कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कहा जा रहा है कि भगवान शंकर को समर्पित यह त्योहार इस साल बेहद खास होने वाला है। ज्योतिषाचार्यों की मानें, तो महाशिवरात्रि पर इस साल दो शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बन रहा है। इस राशि में मंगल और शनि के अलावा बुध, शुक्र और चंद्रमा के भी विराजमान होंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनेगी। वृषभ राशि के चौथे भाव में राहु और वृश्चिक राशि के दसवें भाव में केतु विराजमान रहेंगे।
महाशिवरात्रि पर इस साल धनिष्ठा योग का भी निर्माण होगा। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा, और फिर शिव योग लग जाएगा। ऐसी मान्यता है, कि इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से कार्य सफल होते हैं। महाशिवरात्रि को प्रात: 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसके बाद दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से लेकर 02 बजकर 53 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।