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Ganesh Chaturthi 2022: बेहद रोचक हैं भगवान गणेश से जुड़ी ये 5 बातें, जानिए बप्पा को क्यों चढ़ाते हैं दूर्वा घास?

Ganesh Chaturthi 2022: गणपति स्थापना के ठीक 10 दिन बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है। विसर्जन का दिन 09 सितंबर को पड़ेगा। गणेश चतुर्थी का पर्व आने से पहले आइये आपको उनसे संबंधित कुछ दिसचस्प बातें बताते हैं…

नई दिल्ली। इस वर्ष अगस्त का महीना बहुत शुभ माह है। इसी माह में राखी जन्माष्टमी समेत कई पर्व पड़े हैं और अब इसके आखिरी सप्ताह में भी हिंदूओं का अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार पड़ने वाला है। देश में हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार 31 अगस्त 2022 को पड़ रहा है। इसे भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित करके श्रद्धा भाव से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। जगह-जगह पंडाल सजाए जाते हैं, जहां उनकी विशाल प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव में लोग बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं। गणपति बप्पा 10 दिनों तक अपने भक्तों के साथ रहने के बाद अपने धाम में वापस लौट आते हैं। यानी गणपति स्थापना के ठीक 10 दिन बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है। विसर्जन का दिन 09 सितंबर को पड़ेगा। गणेश चतुर्थी का पर्व आने से पहले आइये आपको उनसे संबंधित कुछ दिसचस्प बातें बताते हैं…

1.अगलासुर राक्षस, जो ऋषि मुनियों को जीवित ही निगल जाता था, को भगवान गणेश ने निगल लिया था। परिणामस्वरूप उनके पेट में होने वाली जलन को शांत करने के लिए उन्हें दूर्वा घास अर्पित की जाती है।

2.श्रीगणेश की सवारी चूहा किसी समय में राक्षस था, जिसे गणेश जी ने चूहा बना दिया था। मूषकराज के प्रार्थना करने पर बप्पा ने उसे अपना वाहन बना लिया था।

3.महाभारत लिखने के लिए ऋषि वेदव्यास ऐसे व्यक्ति की तलाश में थे, जो बिना रुके पूरी महाभारत की गाथा एकबार में लिख सके। तब श्रीगणेश ने ये शुभकार्य संपन्न किया।

4.भगवान गणेश जी को लाल और सिंदूरी रंग से खास लगाव है, यही वजह है कि लाल रंग के फूल अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।

5.गणपति बप्पा के दर्शन कभी भी पीठ की ओर से नहीं करने चाहिए। कहा जाता है उनकी पीठ की ओर तरफ दरिद्रता निवास करती है।