नई दिल्ली। शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। ये दिन उनकी पूजा (Shanidev Pujan) और कृपा (Shani Dev) पाने के लिए सबसे खास है। कहते हैं एक बार शनिदेव की पत्नी ने उन्हें श्राप दिया था कि वो जिस पर भी अपनी नजर डालेंगे उसका नाश हो जाएगा। यहीं कारण है लोग शनिवार को ऐसा कोई काम नहीं करते जिससे उनपर शनिदेव (Shani Dev) की वक्र दृष्टि पड़े। लोग शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए शनिवार (Saturday Puja) के दिन खास पूजा-अर्चना करते हैं ताकि शनिदेव उनसे प्रसन्न रहें। लेकिन अगर आप शनि की साढ़े साती (Shani Sadesati) या ढैय्या (Shani Dhaiya) आदि महादशा का सामना कर रहे हैं या फिर आपका शनि भारी चल रहा है तो आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे इससे बचने के कुछ उपायों के बारे में…
करें ये उपाय
जो लोग शनि की साढ़े साती या ढैय्या आदि महादशा का सामना कर रहे हैं उन्हें शनिवार के दिन शनिदेव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
ऐसे लोगों को शनिवार के दिन शनि मंदिर में या फिर पीपल के पेड़ के नीच सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए।
जब सरसों के तेल का दिया लगाएं तो उसमें काले तिल डालने चाहिए।
शनिवार के दिन मंदिर में भगवान के आगे बैठकर शनि स्तुति का पाठ करना चाहिए।
ये उपाय शनि दोष में मुक्ति दिलाने में फायदेमंद होते हैं साथ ही इनसे व्यक्ति पर शनि देव की बूरी नजर कभी नहीं पड़ती।
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