newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Astro Tips: 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार, जानिए कौन सा रंग है भगवान शिव को प्रिय

Astro Tips: सावन में शिवजी की पूजा के समय विशेष बातों का ध्यान रखने के लिए कहा जाता है जिनसे कई पौराणिक धारणाएं भी जुड़ी हैं। इसी तरह के पौराणिक विश्वासों के आधार पर भक्त सावन के महीने में शिवजी के प्रिय रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने को बेहद शुभ मानते हैं।

नई दिल्ली। सावन को भोलेनाथ का महीना कहते हैं। वैसे तो भगवान भोले के भक्त उन्हें खुश करने के लिए हर समय उनकी पूजा करते है लेकिन सावन के समय उनकी आस्था दो गुनी हो जाती है। कहते है भगवान भोले सच में भोले है उन्हे प्रसन्न करना काफी आसान है। 14 जुलाई से शुरू सावन के महीने में इस बार कुल 4 सावन सोमवर पड़ने हैं। सावन को भोलेनाथ का महीना कहते हैं जिसके चलते भक्तों का पूरा प्रयास होता है कि वे अपने आराध्य शिव को प्रसन्न करें। ऐसा माना जाता है कि सावन में शिवजी की पूजा के समय विशेष बातों का ध्यान रखने के लिए कहा जाता है जिनसे कई पौराणिक धारणाएं भी जुड़ी हैं। इसी तरह के पौराणिक विश्वासों के आधार पर भक्त सावन के महीने में शिवजी के प्रिय रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने को बेहद शुभ मानते हैं। जिससे भगवान भोले को खुश किया जा सके।

भगवान शिव का कैसे करें प्रसन्न

ऐसा कहा जाता है कि भोलेनाथ का प्रिय रंग हरा है। जिसकी वजह से भगवान शिव के भक्त न केवल सावन में बल्कि शिवरात्री में भी हरे रंग के वस्त्र धारण करते है। भोलेनाथ की पूजा के समय हरे रंग के कपड़ों के अलावा संतरी, पीले, सफेद और लाल रंग के कपड़े भी अच्छे माने जाते हैं। इन रंगों को पूजा-पाठ के लिए सही माना जाता है। हालांकि, भगवान भोले की पूजा के दौरान काले रंग के कपड़ों को पहनने से बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि काला रंग भोलेनाथ को नहीं भाता है, इसीलिए भक्त इस रंग को सावन के सोमवार के दिन नहीं धारण करते है।

कैसे करें भगवान शिव की पूजा

सावन के पहले सोमवार में व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके मंदिर जाएं और वहां भगवान भोले का जलाभिषेक करें। इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र धतूरा, भांग, चंदन, पुष्प आदि चढ़ाए। इसके बाद घर में भगवान शिव व मां पार्वती की पूरे विधि विधान से पूजा करें। इसके बाद पूजा करने के समय सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें। उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। इसके बाद भगवान शिव को रोली, अक्षत, पुष्प, धूप व दीपक दिखाए। इसके बाद सावन के सोमवार की व्रत कथा पढ़े और शिव मंत्र का जाप करें।