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Amazon-Reliance conflict: सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अमेजन ने कहा-‘रिलायंस ने बिना संपत्ति हस्तांतरण आदेश के फ्यूचर स्टोर्स पर कब्जा किया’

Amazon-Reliance conflict: ई-कॉमर्स जगत की दिग्गज कंपनी अमेजन डॉटकॉम ने मंगलवार को प्रमुख अखबारों में विज्ञापन दिया था, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर रिटेल पर फ्रॉड होने का आरोप लगाया गया था। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी, जिसमें कंपनियों के वकील और पीठ के बीच संवाद हुआ।

नई दिल्ली। ई-कॉमर्स जगत की दिग्गज कंपनी अमेजन डॉटकॉम ने मंगलवार को प्रमुख अखबारों में विज्ञापन दिया था, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर रिटेल पर फ्रॉड होने का आरोप लगाया गया था। ‘बिजनेस टुडे’ नामक पत्रिका ने न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के हवाले से यह रिपोर्ट दी । अमेजन के इस कदम से इन तीनों बड़ी कंपनियों के बीच का विवाद और बढ़ गया है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी, जिसमें कंपनियों के वकील और पीठ के बीच संवाद हुआ। आइए जानते हैं कि क्या कुछ हुआ..

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अमेजन के वकील ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फ्यूचर रिटेल के साथ विवाद को निपटाने के लिए बातचीत काम नहीं आई।  रिलायंस द्वारा फ्यूचर स्टोर्स पर कब्जा किया जा रहा है, जबकि उसे कोई संपत्ति हस्तांतरण का आदेश नहीं दिया गया है। अमेजन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि, ” बातचीत का प्रयास काम नहीं आया और बातचीत समाप्त हो गई। इससे कुछ भी नहीं हो रहा है।” गौरतलब है कि कानूनी लड़ाई को खत्म करने के लिए अमेजन ने 3 मार्च को फ्यूचर रिटेल के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा था। सुब्रमण्यम ने रिलायंस के खिलाफ फ्यूचर रिटेल स्टोर्स पर कब्जा करने की शिकायत की थी। आज वे पीठ के समक्ष प्रस्तुत हुए, जिसमें न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और हिमा कोहली भी शामिल थीं। पीठ ने कहा कि यह दर्ज किया गया था कि कोई संपत्ति हस्तांतरण नहीं किया जाएगा, लेकिन मामला लंबित रहने के दौरान आदेशों का उल्लंघन किया गया है। सुब्रमण्यम ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि यह संदेश जाए कि अदालत के आदेशों का आसानी से उल्लंघन किया जा सकता है।”

वहीं, पीठ ने जब वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा, “आपका मुवक्किल दुकानों को कैसे संभाल सकता है और मामले को निष्फल बना सकता है? वह तो यही कर रहा है।” तो रोहतगी ने  इसपर जवाब दिया कि वह फ्यूचर कूपंस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं न कि रिलायंस का। फ्यूचर रिटेल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि कुछ भी स्थानांतरित नहीं किया गया है और दुकानों के किराए का भुगतान दो साल से अधिक समय से नहीं किया गया है, जमींदारों ने भी पट्टे समाप्त कर दिए हैं। साल्वे ने कहा, “हम पूरी तरह से टूट चुके हैं, जो हम सभी मंचों से कह रहे हैं .. अमेजन हमें हमारे घुटनों पर लेकर जा रहा है, हम टूट गए हैं।”

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अमेजन के एक अन्य वकील ने कहा, “तो अचानक वे कह रहे हैं कि पैसे नहीं हैं इसलिए दुकानों पर कब्जा कर लिया गया है? इनका व्यवहार देखिए।” पीठ ने कहा, “कार्रवाई चल रही है और सब कुछ हो रहा है। हमें लग रहा है कि मामले को स्थगित करके हम नरमी बरत रहे हैं।” सुब्रमण्यम ने कहा: “आइए हम ट्रिब्यूनल में वापस जाएं .. 80 प्रतिशत दुकान रिलायंस को सरेंडर कर दिए गए हैं।” साल्वे ने हालांकि दोहराया कि एक भी स्टोर को सरेंडर नहीं किया गया है, और रिलायंस ने बोर्ड ले लिए हैं क्योंकि वे हकदार हैं, हमारी सारी संपत्ति तो वहीं है जहां वे हैं। साल्वे ने कहा, “मैं कहता रहा हूं कि यह मुकदमा हमें दिवालियेपन की ओर ले जाएगा, और यह हो चुका है।”

पीठ ने सुब्रमण्यम से पूछा, “आप कौन से अंतरिम आदेश की उम्मीद कर रहे हैं, इसे कल तक बता दें, हम इसे फिर से सूचीबद्ध करेंगे।” सुब्रमण्यम ने उत्तर दिया, “तब तक कुछ नहीं होना चाहिए। केवल 300 दुकानें ही बची हैं।” साल्वे ने कहा, “दुकानों का अधिग्रहण 15 दिन पहले शुरू हुआ .. रिलायंस ले रहा है, हम कुछ नहीं कर सकते। हम क्या करें? हमने कहीं भी हस्ताक्षर नहीं किया है। वास्तव में, मिस्टर बियाणी ने जाकर विरोध किया।”

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बता दें कि विस्तृत सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने अमेजन को मामले में एक आवेदन दायर करने की अनुमति दी है और मामले की अगली सुनवाई बुधवार को निर्धारित की। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत सिंगापुर आर्ब्रिटेशन ट्रिब्यूनल के समक्ष फ्यूचर ग्रुप के साथ आगे की मध्यस्थता कार्यवाही पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अमेजन की चुनौती पर सुनवाई कर रही थी। विदित है कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) ने अपने कारोबार को बेचने के लिए रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया, जिसका अमेरिका स्थित ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन ने विरोध किया है।