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Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को मिलेगी कानूनी मान्यता? जानिए देश में कैसा है इसका भविष्य

Cryptocurrency: भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश के निवेशक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर अब आधिकारिक फैसला आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।। भले ही अल सल्वाडोर ने डिजिटल करेंसी क्रांति को अपना लिया है

नई दिल्ली। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश के निवेशक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर अब आधिकारिक फैसला आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।। भले ही अल सल्वाडोर ने डिजिटल करेंसी क्रांति को अपना लिया है, लेकिन भारत अभी भी इस मुद्दे पर विचार  किया जा रहा है। पिछले हफ्ते ही वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष जयंत सिंह ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार भारत में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए “विशिष्ट दृष्टिकोण” अपनाने की तैयारी कर रही है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी गैर-कानूनी

फिलहाल भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी कानूनी दायरे से बाहर माने जाते हैं। हम उन्हें अवैध नहीं कह सकते क्योंकि वे अभी तक देश में किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा उपयोग के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। क्रिप्टोक्यूरेंसी फिलहाल किसी भी दिशा-निर्देश, विनियम या नियम के दायरे से बाहर गिने जाते हैं। यही वजह है कि देस में बिटकॉइन और अल्टकॉइन का लेनदेन काफी जोखिम से भरा माना जाता है। क्योंकि भारत में यह करेंसी कानूनी रूप से बाध्य है।

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क्रिप्टोकरेंसी पर होगा टैक्स?

भारत ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को लेकर किसी तरह का कोई नियम नहीं बनाया है। इसलिए इस पर टैक्स भी नहीं दिया जाता हैं, लेकिन सभी उपक्रमों से पारदर्शिता बरतने के लिए कहा गया है। अप्रैल में, इसी बाबत कंपनी अधिनियम में संशोधन पेश किए गए थे। इस पारदर्शिता की वजह से डिजिटल संपत्ति और उसके लाभ को पूंजीगत संपत्ति के रूप में गिना जा सकता है, जो पूंजीगत लाभ के तहत करों से बंधी है लेकिन कंपनियां अभी तक यह सुनिश्चित नहीं कर पा रही हैं कि इस संबंध में विभिन्न प्रकार के लाभ और आय पर कर गणना कैसे की जाए।