न्यूयॉर्क। सोमवार को ये खबर आई थी कि दुनिया भले ही मंदी का सामना कर रही हो, लेकिन भारत पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है। वहीं, आज खबर ये है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा IMF ने अपनी ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी FY 2022-23 में भारत की विकास की दर 7.4% और अगले साल यानी FY 2023-24 में 6.1% रह सकती है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान पहले ही लगाया था। आईएमएफ ने यह भी कहा है कि अमेरिका और चीन के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था ज्यादा तेज रहेगी। रिपोर्ट में पूरी दुनिया की जीडीपी इस वित्तीय वर्ष में 3.2% रहने का अनुमान लगाया है। इसमें कहा गया है कि चीन की अर्थव्यवस्था भी मौजूदा वित्तीय वर्ष में 40 साल के सबसे निचले स्तर 3.3% तक पहुंच सकती है। जबकि, अमेरिका का ग्रोथ सिर्फ 2.3 फीसदी हो सकता है। आईएमएफ की इस रिपोर्ट से भारत में विपक्षी दलों को जरूर झटका लगेगा। विपक्षी दल लगातार पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों को देश के लिए नुकसान वाला बताते रहे हैं। यहां तक कि इस मामले में संसद में हंगामा तक उन्होंने किया है।
हालांकि, आईएमएफ के ताजा आकलन में भारत के विकास दर में पहले के मुकाबले 0.8 फीसदी की कमी की गई है। फिर भी ये बाकी देशों के मुकाबले सबसे तेजी से आगे बढ़ने जा रही है। इससे पहले सोमवार को ब्लूमबर्ग Bloomberg की मंदी के बारे में एक रिपोर्ट आई थी। उसमें भी दुनिया के तमाम देशों के मुकाबले भारत की हालत अच्छी बताई गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में मंदरी का असर करीब-करीब जीरो रहेगा। यानी फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था ठीक चल रही है। हालांकि, पिछले दिनों खबर आई थी कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहले के मुकाबले कुछ कम हुआ है। इसे विपक्ष ने मुद्दा भी बनाया था।
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि मोदी सरकार ने देश की माली हालत खराब कर दी है। वहीं, मोदी सरकार रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग और कोरोना के एक बार फिर प्रसार को देखते हुए कई आर्थिक कदम उठा रही है। इसके तहत रूस से कच्चा तेल सस्ते में खरीदा भी जा रहा है। जिसके लिए रूबल और रुपए में पेमेंट होगा। इससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार और डॉलर बचेगा। साथ ही महंगाई बढ़ाने के अहम कारक पेट्रोल और डीजल को भी सस्ता रखने में आसानी हो रही है।