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Gautam Adani At CRISIL Infrastructure Summit: ‘भारतीय कहलाने के लिए इससे बेहतरीन वक्त नहीं’, क्रिसिल के कार्यक्रम में देश की उपलब्धियां गिनाकर बोले उद्योगपति गौतम अडानी

Gautam Adani At CRISIL Infrastructure Summit: गौतम अडानी ने 1991 में भारत में शुरू हुई आर्थिक उदारीकरण की दौर का हवाला दिया और पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव और तब के वित्त मंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह के किए काम गिनाए। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि उदारीकरण के पहले के 3 दशकों में भारत की जीडीपी 7 गुना और उदारीकरण के बाद के 3 दशक में जीडीपी 14 गुना बढ़ी।

मुंबई। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का सालाना इन्फ्रास्ट्रक्चर समिट 2024 आज से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देश के बड़े उद्योगपतियों में शामिल और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने दिया।

गौतम अडानी ने देश में क्रेडिट रेटिंग और सलाहकार सेवा के लिए क्रिसिल की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमें बस पीछे मुड़कर देखना है कि किसी देश के इतिहास में सबसे असरदार वक्त वो रहा है, जब बुनियादी ढांचे के परिदृश्य पर वे हावी थे। गौतम अडानी ने क्रिसिल के इन्फ्रास्ट्रक्चर समिट में प्राचीन रोमन सामाज्य से लेकर चीन में बुनियादी ढांचे में आए सुधारों का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि महान औद्योगिक क्रांति से बड़े पैमाने पर निवेश हुआ और इससे आर्थिक उछाल आया। गौतम अडानी ने कहा कि इसी वजह से ब्रिटेन दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक बना।

गौतम अडानी ने अपने भाषण में बुनियादी ढांचे के निर्माण में सरकारी नीतियों और शासन की भूमिका, भविष्य और स्थिरता से बुनियादी ढांचे के संबंध और अडानी ग्रुप की तरफ से देश के बुनियादी विकास में जारी भूमिका को रेखांकित किया गया। गौतम अडानी ने इस मौके पर कहा कि भारत का बुनियादी ढांचा उद्योग अचरज भरे बदलाव के दौर से गुजर रहा है। एक दशक बाद जब पीछे मुड़कर देखेंगे, तो उसे पूरी तरह समझ सकेंगे। उन्होंने कहा कि ये भारत के कई दशक के विकास की नींव रखने वाला होगा। गौतम अडानी ने 1991 में भारत में शुरू हुई आर्थिक उदारीकरण की दौर का हवाला दिया और पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव और तब के वित्त मंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह के किए काम गिनाए। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि उदारीकरण के पहले के 3 दशकों में भारत की जीडीपी 7 गुना और उदारीकरण के बाद के 3 दशक में जीडीपी 14 गुना बढ़ी।

गौतम अडानी ने लाइसेंस राज खत्म किए जाने और कुछ खास व्यापारिक घरानों के एक वक्त वर्चस्व की बात भी कही। उन्होंने एनआईपी यानी नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन की बात कही और कहा कि इस कार्यक्रम से 2020-25 में 111 लाख करोड़ रुपए का निवेश बेंचमार्क तय हुआ है। गौतम अडानी ने इस मौके पर मौजूदा मोदी सरकार के कार्यों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट कर की दर घटकर 22 फीसदी हुई। इसके अलावा चालू खाता घाटा भी घटकर जीडीपी के 0.8 फीसदी पर आ गया। उन्होंने कहा कि इसका नतीजा सभी को दिख रहा है।

गौतम अडानी ने क्रिसिल के कार्यक्रम में हाइवे, बंदरगाह, ट्रांसमिशन ग्रिड, माल ढुलाई के लिए खास गलियारों, हवाई अड्डे, नए मेट्रो रेल नेटवर्क जैसे काम के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि हर विदेशी नागरिक से मुलाकात के दौरान वो इन सभी की जानकारी देते हैं। इसके अलावा मोदी सरकार के दौर में लाए गए यूपीआई के बुनियादी ढांचे से वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बदलने की गौतम अडानी ने बात कही। भारत की युवा जनसंख्या और इसके इस्तेमाल पर जोर देते हुए गौतम अडानी ने कहा कि इससे चीन के मुकाबले भारत कहीं आगे खड़ा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2032 के अंत तक भारत ने 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है। तब बुनियादी ढांचे पर खर्च भी 2.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। गौतम अडानी ने कहा कि भारत में नए बाजार बनाने का मंच तैयार है। उन्होंने एनर्जी ट्रांजिशन और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर काफी उत्साह होने की बात भी कही।

क्रिसिल के कार्यक्रम में गौतम अडानी ने बताया कि उनका ग्रुप पिछले 30 साल में दूसरी सबसे बड़ी सोलर पावर कंपनी बनी है। इसके अलावा भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट ऑपरेटर भी अडानी ग्रुप है। अडानी ग्रुप के पास भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह और लॉजिस्टिक कंपनी है। इसका मार्केट शेयर 30 फीसदी है। अडानी ग्रुप भारत में ऊर्जा को पैदा करने, ट्रांसमिशन और वितरण का सबसे बड़ा प्लेयर है। साथ ही एलएनजी और एलपीजी टर्मिनल के अलावा शहरों में गैस सप्लाई और पाइपलाइन से वितरण का काम भी करता है। गौतम अडानी ने बताया कि उनका ग्रुप देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है। इसके अलावा मेटल, पेट्रोकेमिकल, एरोस्पेस, रक्षा, सुपर एप्स और अन्य उद्योगों में भी वो भी काम कर रहा है।

गौतम अडानी ने कहा कि अगले 10 साल में उनका ग्रुप एनर्जी ट्रांजिशन में 100 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का निवेश करने वाला है। उन्होंने गैर पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र चेन को भी आगे बढ़ाने की बात कही। इसके अलावा हरित ऊर्जा के लिए हर जरूरी सामान बनाने में भी अडानी ग्रुप की कोशिश के बारे में बताया। गौतम अडानी ने कहा कि हम विशाल समुद्र के किनारे खड़े हैं। कभी-कभी इसके पानी में हलचल होती है। फिर भी हम उसे पार करने के लिए पुल बनाने को दृढ़संकल्प हैं। हमारी इच्छाशक्ति काम को पूरा करने और दुनिया में भारत का मान वापस लाने के लिए सभी के साथ मिलकर काम करने की प्रेरणा देता रहता है। गौतम अडानी ने क्रिसिल के कार्यक्रम में अपने संबोधन के आखिर में कहा कि इसी वजह से वो कहते हैं कि भारतीय कहलाने के लिए फिलहाल इससे बेहतर वक्त नहीं है।