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Cryptocurrency: जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, कैसे करती है काम

Cryptocurrency: हालांकि कई क्रिप्टो करेंसी में निवेशकों को उतना अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता है। लेकिन बाजार में करेंसी ऐसी भी मौजूद है जहां निवेशकों को अच्छा खासा फायदा मिल जाता है।

नई दिल्ली। दुनियाभर के लोगों में क्रिप्टकरेंसी को लेकर खासा क्रेज देखा जा रहा है। लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी को अमीर बनाने का आसान रास्ता समझ लिया है। क्रिप्टो मार्केट में लोगों को अच्छा खासा फायदा भी हुआ है। यही कारण कि आज हजारों लोग इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। हालांकि कई क्रिप्टो करेंसी में निवेशकों को उतना अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता है। लेकिन बाजार में करेंसी ऐसी भी मौजूद है जहां निवेशकों को अच्छा खासा फायदा मिल जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी का मतलब है कि लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से लिया गया है और इसका मतलब होता है, छुपा हुआ। जबकि Currency भी लैटिन के currentia से आया है, जो कि रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या फिर गुप्त पैसा। आमतौर पर कहा जाता है कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख जरूर सकते हैं। यानी यह मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, जो पूरी तरह से ऑनलाइन होता है।

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किसने बनाई और क्यों बनाई?

लोगों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी 2009 में सतोशी नाकामोतो ने शुरू किया था, लेकिन ऐसा नहीं है। इससे पहले भी कई निवेशक और देश डिजिटल मुद्रा के लिए काम कर चुके थे। कहा जाता है कि यूएस ने साल 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। ऐसा गोल्ड जिसे रखा नहीं जा सकता था, लेकिन इसे इस्तेमाल करके दूसरी चीजें जरूर खरीदी जा सकती थीं।

पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं की लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है। यह डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं। इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है। जिससे की हर तरह के लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर की ओर से वेरिफिकेशन किया जाता है।