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Adani In Crisis: सोमवार का दिन अदानी ग्रुप के लिए बहुत अहम, फिच की रिपोर्ट से संभला तो, लेकिन अब भी बिकवाली की आशंका बरकरार

उधर, भारत सरकार ने अदानी मामले से पल्ला झाड़ लिया है और रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से अदानी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए कर्ज की जानकारी जुटा भी ली है। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि अदानी का संकट किसी भी बैंक पर भारी नहीं पड़ने वाला है।

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Gautam Adani

मुंबई। सोमवार का दिन गौतम अदानी के लिए बहुत खास रहने वाला है। इस दिन शेयर बाजार खुलने के बाद अदानी ग्रुप के शेयर्स किस दिशा में जाते हैं, ये ग्रुप के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है। शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच FITCH की रिपोर्ट आने के बाद अदानी ग्रुप की कुछ कंपनियों के शेयर्स के भाव बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई पर सुधरे थे। अब सबकी नजर इस पर है कि सोमवार को निवेशक गौतम अदानी की कंपनियों में भरोसा जताते हैं या इसके शेयर्स को बेचने में लगे रहते हैं। फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि अदानी ग्रुप को साल 2024 से 2026 के बीच ज्यादातर देनदारियां चुकानी हैं। फिच ने ये भी कहा है कि फिलहाल अदानी की कंपनियों में कैश की समस्या नहीं है।

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उधर, भारत सरकार ने अदानी मामले से पल्ला झाड़ लिया है और रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से अदानी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए कर्ज की जानकारी जुटा भी ली है। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि अदानी का संकट किसी भी बैंक पर भारी नहीं पड़ने वाला है। फिलहाल स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अदानी को दिए कर्जे की राशि को सार्वजनिक किया है। एसबीआई के मुताबिक उसने अदानी ग्रुप को 23000 करोड़ कर्ज दिया है। वहीं, पीएनबी के मुताबिक उसने 7000 करोड़ की रकम दी है। एलआईसी पहले ही बता चुका है कि उसे फिलहाल अदानी के शेयर्स गिरने से नुकसान नहीं है।

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हिंडेनबर्ग रिसर्च नाम की शॉर्ट सेलिंग कंपनी की रिपोर्ट आने के बाद से अदानी ग्रुप को 10 लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैपिटल गंवाना पड़ा है। 24 जनवरी को अदानी ग्रुप का मार्केट कैपिटल 19.2 लाख करोड़ था, लेकिन शुक्रवार को शेयर बाजार बंद होने पर ये 9 लाख करोड़ रुपए रह गया। अदानी ग्रुप की 10 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पावर, अदानी टोटल गैस, अदानी विल्मर, अदानी ग्रीन, अदानी ट्रांसमिशन, अदानी पोर्ट्स, अंबुजा सीमेंट, एसीसी और एनडीटीवी के शेयर्स का कारोबार होता है। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद इन सभी कंपनियों के शेयर की कीमत 50 फीसदी तक गिरी हैं।

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