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आरबीआई ने डाटा स्टोरेज को लेकर मास्टरकार्ड पर लगाया प्रतिबंध

RBI: मास्टरकार्ड को सभी कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकों को इन निर्देशों का पालन करने की सलाह देनी होगी। भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) की धारा 17 के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए पर्यवेक्षी कार्रवाई की गई है।

नई दिल्ली। भुगतान सेवाओं की प्रमुख कंपनी मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक प्राइवेट लिमिटेड को बड़ा झटका देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अपने कार्ड नेटवर्क पर देश में नए घरेलू ग्राहकों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया। आरबीआई ने कहा कि प्रतिबंध इसलिए लगाए गए हैं, क्योंकि काफी समय बीत जाने और पर्याप्त अवसर दिए जाने के बावजूद, इकाई को भुगतान प्रणाली डेटा के भंडारण के निर्देशों का अनुपालन नहीं करते पाया गया है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 22 जुलाई, 2021 से अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों (डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड) को ऑन-बोर्ड करने से मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड (मास्टरकार्ड) पर प्रतिबंध लगा दिया है।” हालांकि, इसमें कहा गया है कि इस ऑर्डर का मास्टरकार्ड के मौजूदा ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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मास्टरकार्ड को सभी कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकों को इन निर्देशों का पालन करने की सलाह देनी होगी। भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) की धारा 17 के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए पर्यवेक्षी कार्रवाई की गई है।

मास्टरकार्ड एक भुगतान प्रणाली ऑपरेटर है जो पीएसएस अधिनियम के तहत देश में कार्ड नेटवर्क संचालित करने के लिए अधिकृत है।

6 अप्रैल, 2018 को भुगतान प्रणाली डेटा के भंडारण पर आरबीआई के परिपत्र के अनुसार, सभी सिस्टम प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया था कि छह महीने की अवधि के भीतर, उनके द्वारा संचालित भुगतान प्रणाली से संबंधित संपूर्ण डेटा केवल भारत में एक प्रणाली में संग्रहीत किया जाता है।

Mastercard
उन्हें आरबीआई को अनुपालन की रिपोर्ट करने और उसमें निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर सीईआरटी-इन पैनल में शामिल ऑडिटर द्वारा आयोजित बोर्ड-अनुमोदित सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की भी जरूरत थी।