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Cryptocurrencies: रूस ने दिया क्रिप्टोकरेंसी को तगड़ा झटका, किया इस वर्चुअल करेंसी को बैन, बताई ये वजह

Cryptocurrencies: रूस का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिग और आतंकवाद को पल्लवित करने की दिशा में किया जा सकता है। डिजिटल मुद्रा मौद्रिक प्रणालियों को कमजोर कर सकती है। इससे मौद्रिक नीति की संप्रभुता और मुद्रा की स्थिरता खतरे में आ सकती है।

नई दिल्ली। आजकल क्रिप्टोकरेंसी के दिन कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। उसकी हालत अब धोबी के उस कुत्ते की तरह होती जा रही है, जो न घर का रहने वाला है और न घाट का। अब आप कहेंगे कि भई आप ऐसा क्यों कह रहे हैं। आखिर क्रिप्टोकरेंसी से ऐसी क्या खता हो गई, तो देखिए खता-वता का तो नहीं पता, लेकिन कुछ लोगों को क्रिप्टो फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। लिहाजा इन लोगों ने एकजुट होकर क्रिप्टो के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। इन्होंने तय कर लिया है कि क्रिप्टो के आयाम को किसी भी कीमत पर विस्तारित होने से रोकाना होगा। अगर इसके बढ़ते आयाम को नहीं रोका गया, तो आगामी दिनों में हमें इसके भयावह नतीजों से रूबरू होना होगा। आखिर क्रिप्टो के बढ़ते आयाम से इन लोगों को किस बात का डर सता रहा है। हम आपको आगे की रिपोर्ट में सब कुछ तफसील से बताएंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें कि रूस ने अपने देश में क्रिप्टो के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। बता दें कि रूस से पहले चीन, बांग्लादेश, मिस्र, मोरक्को, तुर्की, ईरान, अल्जीरिया, बोलीविया, कोलंबिया, इंडोनेशिया, नेपाल और उत्तरी मैसेडोनिया जैसे देश भी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा चुके हैं। खैर, यह तो रही रूस द्वारा क्रिप्टो पर पाबंदी लगाने की बात,लेकिन आइए आगे आपको बताते हैं कि आखिर इन देशों को क्रिप्टो के बढ़ते आयाम से किस बात का डर सता रहा है?  आखिर क्यों डर रहे हैं ये क्रिप्टो के बढ़ते कदम से?

दरअसल, रूस का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिग और आतंकवाद को पल्लवित करने की दिशा में किया जा सकता है। डिजिटल मुद्रा मौद्रिक प्रणालियों को कमजोर कर सकती है। इससे मौद्रिक नीति की संप्रभुता और मुद्रा की स्थिरता खतरे में आ सकती है। वास्तविक मुद्रा की भांति डिजिटल मुद्रा को नियंत्रित करने हेतु कोई स्थायी संस्थान नहीं है, जिससे भविष्य में इसका अनुचित उपयोग किया जा सकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए रूस ने यह कदम उठाया है। हालांकि, रूस के इस कदम से आपको ज्यादा चौंकने की जरूर नहीं है…वो इसलिए….क्योंकि रूस ने पिछले काफी दिनों से क्रिप्टो के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था, जिसे देखते हुए इस बात के कयास भी तेज हो गए थे कि रूस क्रिप्टो के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी

हालांकि, रूस ने 2020 में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा दिया था लेकिन भुगतान के साधन के रूप में उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।  हालांकि, रूसी केंद्रीय बैंक के वित्तीय स्थिरता विभाग के प्रमुख एलिसैवेटा डेनिलोवा ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मालिक होने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। बैंक ने कहा कि रूस में सक्रिय क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स की वार्षिक लेन देन मात्रा लगभग 5 बिलियन डॉलर है। अब ऐसी स्थिति में आगे चलकर क्रिप्टो का भविष्य कैसा रहेगा। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।