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Share Market Crash: रूस Vs यूक्रेन के चलते शेयर बाजार धड़ाम, 1400 अंक से ज्यादा टूटा सेंसेक्स, निफ्टी भी धराशायी

Share Market Crash: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष से जहां दुनियाभर के शेयर बाजार धराशायी हो गए हैं, तो वहीं कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। गुरुवार को क्रूड ऑयल का भाव पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है।

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। जंग की आशंका से सहमे पड़े अंतराराष्ट्रीय बाजार को गुरुवार सुबह तगड़ा झटका लगा। घरेलू बाजार भी इससे अछुते नहीं रहा। बाजार खुलते ही शेयर मार्केट धड़ाम हो गई। बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 1814 अंक गिरावट के साथ 55,418 के स्तर पर खुला। पहले ही मिनट में BSE का सेंसेक्स 1,900 पॉइंट्स टूटकर 55,338 पर पहुंच गया। सुबह साढ़े नौ बजे यह 1399.62 अंक यानी 2.45% की गिरावट के साथ 55,832.44 अंक पर था। इसी तरह, निफ्टी भी 514 अंकों के नुकसान के साथ ट्रेडिंग शुरू कर 17 हजार से नीचे 16,548.90 पर खुला। फिलहाल निफ्टी 2.15% की गिरावट के साथ 16,695.90 अंक पर कारोबार कर रहा है।

लाल निशान पर सेंसेक्स

सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर हैं। टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, और आईसीआईसीआई बैंक को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। शुरुआती कारोबार में इसमें 3.81 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली। बाजार प्री-ओपन सेशन में ही बता रहा था कि आज भारी बिकवाली होने वाली है। बाजार खुलने के साथ ही लगभग 270 शेयरों में तेजी आई है, जबकि 1853 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई और 79 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। टेक महिंद्रा, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, एसबीआई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, मारुति, डॉ. रेड्डी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के शेयरों में तीन फीसदी तक की गिरावट आई है। इससे पहले बुधवार को भी घरेलू शेयर बाजार में मार झेलनी पड़ी। पिछले छह दिनों से लगातार बाजार गिरकर बंद हुए थे।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष से जहां दुनियाभर के शेयर बाजार धराशायी हो गए हैं, तो वहीं कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। गुरुवार को क्रूड ऑयल का भाव पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। 8 सालों में पहली क्रूड का भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। युद्ध की आशंका के बीच कच्चे तेल के दामों में और भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। गौरतलब है कि रूस नेचुरल गैस का सबसे बड़ा सप्लायर है और क्रूड ऑयल उत्पादन में भी इसका हिस्सा काफी ज्यादा है। रिपोर्ट्स की मानें तो रूस वैश्विक मांग का लगभग 10 फीसदी उत्पादन करता है। दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंकाओं के चलते क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की सप्लाई पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ईधन की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी।