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Stock Market Crash: ग्लोबल बाजार पर दिख रहा यूक्रेन-रूस तनातनी का असर, एशिया और यूरोप शेयर बाजारों में भारी गिरावट

Stock Market Crash:सबसे ज्यादा असर कच्चे तेल पर देखने को मिला है जहां ब्रेंट क्रूड के  रेट 97 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका हैं।वहीं भारत भी इसके असर से अछूता नहीं रहा है। भारत पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है

नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच तनातनी अब युद्ध का रूप ले चुकी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने रक्षा मंत्रालय को पूर्वी यूक्रेन के दो अलग-अलग क्षेत्रों में रूसी सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने कहा कि मास्को उनकी स्वतंत्रता को मान्यता देगा। राष्ट्रपति पुतिन ने देर रात यूक्रेन के डोनबास रीजन के डोनेत्स्क और लुहांस्क को आजाद घोषित कर वहां के अलगाववादी नेताओं के साथ मदद और सुरक्षा का समझौता कर लिया। इस तनातनी का असर सिर्फ पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच छिड़ी इस जंग का  असर शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है।

एशिया बाजारों में भारी गिरावट

अब दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन चुकी है और इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ा रहा है। एशिया शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। आज यानी मंगलवार को निफ्टी और हैंगसेंग में शुरूआत ही गिरावट के साथ हुई। निफ्टी 1 फीसदी और 780 अंक या 3.23 फीसदी की गिरावट हैंगसेंग में दर्ज की गई है। बता करें शंघाई की तो वहां कम्पोजिट इंडेक्स में 1.19 फीसदी गिरावट हुई। जबकि ताइवान टी सेक्ट 50 इंडेक्स 1.87 फीसदी तक टूट कर गिर गया। बता दें कि सोमवार को प्रेसिडेंट डे के मौके पर अमेरिकी बाजार बंद रहें। हालांकि फ्यूचर में सोमवार को कारोबार हुआ लेकिन फ्यूचर में भी कारोबार बुरी तरीके से टूटा। डाओ फ्चूयर 500 अंकों तक टूटा।

यूरोपियों बाजारों पर भी दिखा असर

इस तनातनी का असर यूरोपीय बाजारों पर भी साफ दिख रहा है। मंगलवार की शुरूआत की एटीएसई 0.39 फीसदी, सीएसी 2.04 फीसदी और डैक्स 2.07 फीसदी टूटकर बंद हुआ।

कच्चे तेल पर दिखा असर

इसी बीच सबसे ज्यादा असर कच्चे तेल पर देखने को मिला है जहां ब्रेंट क्रूड के  रेट 97 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका हैं।वहीं भारत भी इसके असर से अछूता नहीं रहा है। भारत पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। वहीं जर्मनी के शेयर बाजार पर भी इसका सीधा असर पड़ा। जर्मनी के DAX में 3.7 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई जो शेयर बाजार के लिए सही संकेत नहीं है।