नई दिल्ली। टीवी चैनल ‘एनडीटीवी’ के स्वामित्व के मुद्दे पर उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनी और एनडीटीवी के मालिकान प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका के बीच कानूनी जंग की हालत बनती दिख रही है। अडाणी ग्रुप ने कहा है कि एनडीटीवी की पैरेंट कंपनी RRPR पर शेयर बाजार नियामक सेबी का आदेश लागू नहीं होता है। अडाणी ग्रुप की सहयोगी कंपनी वीसीपीएल ने कहा है कि सेबी ने एनडीटीवी पर जो प्रतिबंध लगाए थे, वे उसकी ओर से शेयर अधिग्रहण पर रोक नहीं लगाते हैं। इस तरह अब दोनों पक्षों के बीच ये मामला सेबी के अलावा कोर्ट में भी जाने के पूरे आसार दिख रहे हैं।
इससे पहले एनडीटीवी प्रबंधन की तरफ से शेयर मार्केट को सूचना दी गई थी। इस सूचना में कहा गया था कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी SEBI ने 27 नवंबर 2020 को कंपनी के प्रमोटर्स रॉय दंपति पर शेयर बाजार में खरीद और बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। ये रोक 26 नवंबर 2022 को खत्म हो रही है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि जब तक लंबित कार्रवाई पूरी नहीं होती, जो अधिग्रहण करना चाहता है, उसे इसके लिए 99.5 फीसदी शेयर खरीदने के वास्ते सेबी से मंजूरी लेनी होगी। इसी पर अब अडाणी ग्रुप की ओर से जवाब दिया गया है।
अडाणी ग्रुप की सहयोगी वीसीपीएल ने आरआरपीआर की ओर से बताए गए तर्कों को आधारहीन, कानूनी तौर पर अस्थिर और योग्यता रहित करार दिया है। वीसीपीएल ने कहा है कि होल्डिंग फर्म अपनी जिम्मेदारी को तुरंत निभाने और इक्विटी शेयर्स आवंटित करने के लिए बाध्य है। सेबी को दिए अपडेट में अडाणी एंटरप्राइजेस लिमिटेड ने कहा है कि 23 अगस्त को आरआरपीआर की तरफ से नोटिस मिला है। उसने दावा किया है कि आरआरपीआर 27 नवंबर 2020 के सेबी के आदेश का पक्षकार नहीं है। उस पर प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं। अडाणी की ओर से ये भी कहा गया है कि आरआरपीआर को वॉरंट एक्सरसाइज नोटिस, विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से एक समझौते के तहत जारी किया गया था। जिसे आरआरपीआर को पूरा करना ही होगा।