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Inflation: महंगाई के मोर्चे से आई राहतभरी खबर, WPI जनवरी में घटकर 12.96 प्रतिशत हुई

Wholesale Inflation: मंत्रालय ने जनवरी के लिए ‘भारत में थोक मूल्य के सूचकांक संख्या’ की अपनी समीक्षा में कहा, “जनवरी, 2022 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, खाद्य पदार्थों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।”

नई दिल्ली। विनिर्मित वस्तुओं की कम कीमतों और ईंधन लागत में मामूली गिरावट की वजह से क्रमिक आधार पर भारत की जनवरी 2022 थोक मुद्रास्फीति में कमी आई है। थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर पिछले महीने दिसंबर 2021 के 13.56 प्रतिशत से घटकर जनवरी में 12.96 प्रतिशत हो गई। हालांकि, साल-दर-साल आधार पर, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई ) के आंकड़ों में पिछले महीने जनवरी 2021 की तुलना में तेजी से वृद्धि हुई, जब यह 2.51 प्रतिशत था।

मंत्रालय ने जनवरी के लिए ‘भारत में थोक मूल्य के सूचकांक संख्या’ की अपनी समीक्षा में कहा, “जनवरी, 2022 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, खाद्य पदार्थों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।”

“जनवरी, 2022 के महीने में डब्ल्यूपीआई सूचकांक में महीने दर महीने परिवर्तन दिसंबर 2021 की तुलना में 0.35 प्रतिशत रहा।”