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अगर लोग नहीं हुए गंभीर तो 13 लाख तक जा सकता है कोरोना के मरीजों की संख्या

वैज्ञानिक के मुताबिक, अमेरिका या इटली में कोविड-19 धीरे-धीरे फैला और फिर अचानक तेजी से मामले आए। मौजूदा अनुमान देश में शुरुआती चरण के आंकड़ों पर है, जो कि कम टेस्टिंग की वजह से है।

नई दिल्ली। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग गंभीर नहीं नजर आ रहे हैं। लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है लेकिन लोग अपने घरों को बाहर घूमते नजर आ रहे हैं वो भी बिना कारण के ही। एक अध्ययन के मुताबिक कोरोना के मरीजों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है उसके आधार पर मई के मध्य तक यह आंकड़ा 10 लाख से 13 लाख के बीच पहुंच सकता है।

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आपको बता दें कि यह अनुमान संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के वैज्ञानिकों की एक टीम ने लगाया है। अध्ययन के मुताबिक अगर सामूहिक दूरी जैसे उपायों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो अप्रैल के अंत तक मरीजों की संख्या 30,000 से 230,000 के बीच हो सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह केवल अनुमान है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और इटली की तुलना में कोरोना से निपटने के लिए भारत अच्छा काम कर रहा है। इसका प्रसार रोकने के लिए सख्त प्रतिबंध और उपाय किए जा रहे हैं।

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अध्ययन कोविड-इंडिया-19 स्टडी समूह के वैज्ञानिकों ने किया है। समूह यह पता लगा रहा था कि भारत में इस बीमारी का खतरा कितना बड़ा है। समूह में शामिल डाटा वैज्ञानिकों के मुताबिक भारत में जांच दर बहुत कम है। 18 मार्च को देश में कोरोना टेस्ट के लिए 11500 सैंपल मिले।

इससे समझा जा सकता है कि जांच के लिए लोग सामने नहीं आ रहे हैं। अब तक कोविड-19 की वैक्सीन मंजूर नहीं हुई है और न दवा बनी है। ऐसे में अगर कोरोना भारत में दूसरे और तीसरे चरण में पहुंचा तो परिणाम विनाशकारी होंगे।

Patna AIIMS Corona
वैज्ञानिक के मुताबिक, अमेरिका या इटली में कोविड-19 धीरे-धीरे फैला और फिर अचानक तेजी से मामले आए। मौजूदा अनुमान देश में शुरुआती चरण के आंकड़ों पर है, जो कि कम टेस्टिंग की वजह से है।