newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

दिसंबर तक आ जाएगी कोरोनावायरस की वैक्सीन, दो महीने के भीतर होगी कीमत की घोषणा!

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वायरस वैक्सीन के 10 करोड़ खुराक के उत्पादन के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी से भी करार किया है।

नई दिल्ली। भारत में कोरोना की वैक्सीन बनाने का काम कर रही पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन साल के अंत तक बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। अगर ऐसा होता है कि माना जा रहा है कि कोरोना जैसी महामारी से जंग जीने में काफी सहायक होगा। इसके अलावा इस कंपनी का दावा किया है कि, दो महीने के अंदर इस वैक्सीन की कीमत की भी घोषणा कर दी जाएगी।

corona vaccine

गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है और वो भारत में कोविशील्ड नाम से वैक्सीन लॉन्च करने जा रही है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और इसे तैयार करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका फार्मा कंपनी के साथ करार किया है।

CNBC-TV18 से बातचीत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया, ‘हमें इस साल के अंत तक कोरोना वायरस वैक्सीन आ जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि दो महीने में हम इस टीके की कीमत का ऐलान कर देंगे।’ उन्होंने कहा कि हम आईसीएमआर (ICMR) के साथ मिलकर भारत में हजारों मरीजों पर इस वैक्सीन का ट्रायल करने जा रहे हैं। अगस्त के अंत तक वैक्सीन का निर्माण शुरू हो जाएगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि वैक्सीन का ट्रायल सफल होगा। कंपनी कोविशील्ड और नोवावैक्स के नाम से भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन लॉन्च करेगी।

corona

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वायरस वैक्सीन के 10 करोड़ खुराक के उत्पादन के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी से भी करार किया है। इसके तहत कंपनी भारत समेत अन्य गरीब और विकासशील देशों को 225 रुपये यानी 3 डॉलर में कोरोना वायरस के टीके का खुराक उपलब्ध कराएगी। लेकिन वैक्सीन की फाइनल कीमत दो महीने बाद ही निर्धारित की जाएगी।

Oxford University Corona Vaccine

कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए दुनिया भर में इन दिनों 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इनमें से 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में है। यह वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के आखिरी दौर में है। अगर इसका परीक्षण सफल रहा तो 2021 तक दुनिया में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।