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Initiative: बच्चों को वैक्सीन और कोरोना के बूस्टर डोज पर दो हफ्ते में फैसला संभव, WHO साइंटिस्ट ने फिर चेताया

अब तक देश में 135 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। हालांकि, दूसरी डोज लेने वालों की संख्या कम है। ये संख्या सिर्फ 56 फीसदी है। इस संख्या को अब बढ़ाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है।

नई दिल्ली। बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने और बूस्टर डोज के बारे में केंद्र सरकार अगले दो हफ्ते में फैसला कर सकती है। इस बारे में रिव्यू मीटिंग होनी है। इससे पहले हुई मीटिंग्स में बूस्टर डोज पर फैसला नहीं हो सका था। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट और डॉक्टरों के एसोसिएशन IMA ने सरकार से सभी को बूस्टर डोज देने की अपील की थी। सीरम इंस्टीट्यूट के चीफ अदार पूनावाला ने कहा था कि उनके पास काफी मात्रा में वैक्सीन की डोज हैं और सरकार अगर बूस्टर डोज लगाने का फैसला करती है, तो वैक्सीन की कमी नहीं होने दी जाएगा। बता दें कि भारत में सबसे ज्यादा सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन ही लगाई जा रही है।

Corona vaccine child

बच्चों को वैक्सीन और बूस्टर डोज के बारे में केंद्र सरकार के एक अधिकारी के हवाले से हिंदी अखबार ने खबर दी है कि मोदी सरकार इस साल के अंत तक इस बारे में रिव्यू मीटिंग करने वाली है। अखबार के मुताबिक सरकार ने दिसंबर अंत तक देश की 65 फीसदी वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्लान तैयार किया है। अब तक देश में 135 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। हालांकि, दूसरी डोज लेने वालों की संख्या कम है। ये संख्या सिर्फ 56 फीसदी है। इस संख्या को अब बढ़ाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है।

corona virus

अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि इस महीने के अंत तक कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले में हालात साफ हो जाएंगे। ओमिक्रॉन के बुधवार तक देश में 68 मरीज हो चुके थे। इनमें से 27 मरीजों ने वायरस को मात दे दी है। मरीजों में सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र की है। यहां कुल ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या 32 हो चुकी है। करीब 8 मरीज ऐसे हैं, जिनकी कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या विश्वनाथन ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ काम कर रही है, लेकिन किसी भी सूरत में लोगों को हीलाहवाली न कर कोरोना से बचने के सरकारी नियमों को मानना चाहिए।