नई दिल्ली। देश के तीन एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि अगले साल की शुरुआत में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से तीसरी लहर शुरू होगी और इस दौरान बड़ी तादाद में मरीज मिलेंगे। इन एक्सपर्ट्स के हवाले से एक हिंदी अखबार ने ये खबर दी है कि अगर ओमिक्रॉन की लहर को रोकना है, तो हर हाल में तेजी से लोगों का वैक्सीनेशन करना होगा। अपने सूत्र नाम के गणितीय मॉडल से कोरोना की दूसरी लहर के बारे में सटीक भविष्यवाणी करने वाले आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि जनवरी के आखिर में ओमिक्रॉन का असली कहर दिखेगा। उन्होंने कहा कि मार्च में ओमिक्रॉन के मरीज काफी तेजी से बढ़ेंगे। प्रोफेसर अग्रवाल के मुताबिक अभी से सरकारों को अस्पतालों में व्यवस्था कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में हर 5 में से 1 मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अब मार्च में 2 लाख बेड की जरूरत पड़ सकती है।
वहीं ICMR के महामारी विशेषज्ञ समीरन पंडा ने अखबार से कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट तीन गुना तेजी से फैलता है। भारत में ओमिक्रॉन के साथ ही इससे पहले का डेल्टा वैरिएंट भी लगातार जारी है। अगर लोग कोरोना नियम नहीं मानेंगे, तो हालात बदतर हो सकते हैं। समीरन ने कहा कि ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के हैं, लेकिन लोग इसके कैरियर बनेंगे, तो कम इम्युनिटी वाले लोगों के लिए घातक होंगे। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने एक स्थानीय डेटा का पोर्टल तैयार किया है। ताकि पता चल सके कि किस इलाके में ओमिक्रॉन वैरिएंट किस तरह लोगों को अपनी जद में ले रहा है। इसके आधार पर ही सरकारों को संगठन की तरफ से चेतावनी जारी की जाएगी।
पब्लिक हेल्थ पॉलिसी एक्सपर्ट चंद्रकांत लहारिया के हवाले से अखबार ने बताया है कि ओमिक्रॉन के पीक के वक्त हर रोज डेढ़ लाख मरीज मिल सकते हैं। चंद्रकांत ने अखबार को बताया कि अभी ओमिक्रॉन की दोगुना होने की दर कम है। 2 दिसंबर से अब तक इसके 450 मरीज मिले हैं। पहले डेल्टा वैरिएंट इतने ही समय में कहर बरपा रहा था। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के दो डोज ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी दिख रहे हैं। वैक्सीन लेने वाले गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ रहे, न ही उन्हें अस्पताल में दाखिल कराना पड़ रहा है और न ही ऐसे मरीजों की मौत ही देखी जा रही है।