
नई दिल्ली। कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को देने का मुद्दा लोकसभा चुनाव के पहले दौर की वोटिंग से पहले गरमाता दिख रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को दिए जाने के मसले पर रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधा था। अब उन्होंने कच्चातिवू द्वीप का मुद्दा उठाकर कांग्रेस के सहयोगी दल डीएमके को घेरा है। मोदी ने डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़ी-बड़ी बातें तो छोड़िए, डीएमके ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कोई काम नहीं किया। मोदी ने लिखा कि कच्चातिवू द्वीप के मसले पर जो ताजा जानकारी सामने आई है, उससे डीएमके के दोहरेपन का खुलासा हो गया है। मोदी ने लिखा है कि कांग्रेस और डीएमके एक परिवार हैं। वे सिर्फ अपने बेटों और बेटियों को आगे बढ़ाने की चिंता करते हैं। मोदी ने आगे लिखा है कि कच्चातिवू द्वीप पर कांग्रेस और डीएमके ने जो किया, उससे हमारे गरीब मछुआरों के हितों का नुकसान हुआ है।
Rhetoric aside, DMK has done NOTHING to safeguard Tamil Nadu’s interests. New details emerging on #Katchatheevu have UNMASKED the DMK’s double standards totally.
Congress and DMK are family units. They only care that their own sons and daughters rise. They don’t care for anyone…
— Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2024
दरअसल, ताजा खुलासा ये हुआ है कि डीएमके के संस्थापक एम. करुणानिधि को इंदिरा गांधी ने कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को देने के लिए मना लिया था। इसी पर मोदी ने अब कांग्रेस के साथ डीएमके को भी घेरा है। मोदी ने रविवार को कच्चातिवू द्वीप के मसले पर कांग्रेस को निशाने पर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के शासन में देश की संप्रभुता और एकता को छिन्न-भिन्न करने का काम किया गया। मोदी ने रविवार को ही मेरठ में रैली की थी और वहां भी कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को दिए जाने के मसले को उठाकर कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा था।
दरअसल, तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने एक आरटीआई दाखिल कर ये जानना चाहा था कि कच्चातिवू द्वीप आखिर श्रीलंका को क्यों दिया गया। इसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू के जमाने में ही कच्चातिवू द्वीप को अपने कब्जे में रखने का भारत ने इरादा नहीं रखा था। नेहरू ने कच्चातिवू को भारत के लिए अप्रासंगिक भी बताया था। वहीं, श्रीलंका (तब सीलोन) लगातार कच्चातिवू द्वीप पर दावा करता रहा। इसके बाद इंदिरा गांधी ने कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया। भारत के तट से कच्चातिवू द्वीप 20 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके आसपास जब भारतीय मछुआरे पहुंचते हैं, तो श्रीलंका की नौसेना उनको गिरफ्तार कर लेती है। जबकि, पहले भारतीय मछुआरे कच्चातिवू जाकर मछली पकड़ते थे।