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BJP Vs Congress In Raebareli: रायबरेली में राहुल गांधी के लिए ‘फीसदी की फांस’ का खतरा!, पढ़कर जानिए क्या है ये मसला

BJP Vs Congress In Raebareli: अमेठी से चुनाव न लड़ना भी राहुल गांधी को बीजेपी के निशाने पर ला रहा है। बीजेपी ये कहकर मुद्दा बना रही है कि स्मृति इरानी से डरकर राहुल गांधी अमेठी से भागे हैं। अमेठी सीट को राहुल गांधी 2019 में हार गए थे। तब वो केरल की वायनाड सीट से चुनाव जीते थे।

नई दिल्ली। राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ने के साथ ही अपनी मां सोनिया गांधी की परंपरागत सीट रायबरेली से भी नामांकन दाखिल कर दिया है। माना तो यही जा रहा है कि राहुल गांधी यहां बीजेपी के प्रत्याशी को पटकनी दे सकते हैं, लेकिन एक आंकड़ा ऐसा भी है, जो राहुल गांधी और उनको रायबरेली से चुनाव लड़वाने वालों को परेशान कर सकता है। इसे आप “फीसदी की फांस” भी कह सकते हैं। तो आपको बताते हैं कि किस तरह फीसदी की ये फांस कांग्रेस और राहुल गांधी को रायबरेली में दिक्कत पैदा कर सकती है।

दरअसल, सोनिया गांधी भले ही लगातार रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीतती रहीं, लेकिन बीजेपी से टक्कर लेते-लेते उनकी जीत का प्रतिशत घटता गया। जबकि, बीजेपी के वोट हर चुनाव में बढ़ते रहे। 2009 में सोनिया गांधी को रायबरेली सीट पर 72.23 फीसदी वोट मिले थे। तब बीजेपी को 3.82 फीसदी जनता ने ही मत दिया था। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी को 8.43 फीसदी कम वोट मिले। सोनिया को 63.80 फीसदी रायबरेली की जनता ने अपना वोट दिया। जबकि, बीजेपी को 21.05 फीसदी वोट हासिल हुए। यानी बीजेपी ने 2009 के मुकाबले अपने वोटों का प्रतिशत 17.23 फीसदी बढ़ा लिया।

अब 2019 के आंकड़े देखें, तो सोनिया गांधी को रायबरेली में 55.78 फीसदी वोट मिले। यानी उनको फिर 8.02 फीसदी वोट का घाटा हुआ। वहीं, बीजेपी ने 38.35 फीसदी वोटों पर कब्जा जमाया। यानी सोनिया और बीजेपी प्रत्याशी में जीत और हार का अंतर 17.43 फीसदी हो गया। ऐसे में लगातार 2 चुनाव से रायबरेली में बीजेपी अपना वोट फीसदी 17 फीसदी से ज्यादा बना रही है। अगर बीजेपी का ये ट्रेंड कायम रहा, तो राहुल गांधी को रायबरेली की सीट निकालने में दिक्कत हो सकती है। अमेठी से चुनाव न लड़ना भी राहुल गांधी को बीजेपी के निशाने पर ला रहा है। बीजेपी ये कहकर मुद्दा बना रही है कि स्मृति इरानी से डरकर राहुल गांधी अमेठी से भागे हैं। अमेठी सीट को राहुल गांधी 2019 में हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने अमेठी से गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा को मैदान में उतारा है। बीजेपी ये भी मुद्दा बना रही है कि सोनिया गांधी को इस बार रायबरेली से हार का डर था। इसी वजह से वो राजस्थान के रास्ते राज्यसभा चली गईं। अमेठी और रायबरेली के लिए कांग्रेस की तरफ से देर में प्रत्याशी उतराने को भी बीजेपी ने लपका हुआ है।