पूर्णिया। पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय बिहार में कांग्रेस से कर दिया। लगातार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की तारीफ करने वाली बातें पप्पू यादव कहते रहे, लेकिन अब बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट के मसले पर पप्पू यादव कांग्रेस आलाकमान का फैसला मानने को राजी नहीं हैं। महज 12 दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव अब कह रहे हैं कि पूर्णिया लोकसभा सीट से परचा दाखिल करेंगे। जबकि, कांग्रेस ने पूर्णिया सीट सहयोगी दल आरजेडी को देने का फैसला किया है।
पप्पू यादव पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। शायद उन्हें लग रहा होगा कि बिहार की पूर्णिया सीट से कांग्रेस उनको टिकट दे देगी, लेकिन लालू यादव की आरजेडी ने पेच फंसा दिया और ये लोकसभा सीट खुद ले ली। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से बीमा भारती को टिकट भी दे दिया। बीमा भारती पहले जेडीयू की विधायक थीं और बीते दिनों नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत कर अब लालू का उन्होंने दामन थामा है। बीमा भारती को टिकट मिलने के बाद ही पप्पू यादव भी अड़ गए। उन्होंने पहले एलान किया कि 2 अप्रैल को पूर्णिया सीट से परचा दाखिल करेंगे। अब पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट से परचा दाखिल करने की तारीख आगे खिसकाकर 4 अप्रैल कर दी है। पप्पू यादव ने लालू यादव से गुहार लगाते हुए पूर्णिया सीट पर फिर से विचार करने का आग्रह भी किया है।
पप्पू यादव लगातार लोकसभा चुनाव हारते रहे हैं। इस बार कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने से पहले वो लालू यादव से भी मिले थे। लालू से मुलाकात में पप्पू यादव की क्या बात हुई, ये तो पता नहीं, लेकिन अब लालू यादव ने ही पप्पू यादव की पसंदीदा पूर्णिया लोकसभा सीट अपनी पार्टी आरजेडी के खाते में ले ली है। ऐसे में देखना है कि पप्पू यादव का अगला कदम क्या होता है। इसकी वजह ये है कि अगर वो आलाकमान के फैसले के खिलाफ पूर्णिया सीट से परचा भरते हैं, तो वो पार्टी लाइन से हटने का मामला बनेगा और ऐसे में कांग्रेस की तरफ से पप्पू यादव के खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है।