नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए यूपी के पूर्वांचल में भी वोटिंग होनी है मगर उससे पहले अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के पूर्वांचल के बड़े नेता और पूर्व मंत्री नारद राय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए। राय ने सोमवार को ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद इस मुलाकात की फोटो को नारद ने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था। बीजेपी में शामिल होने के बाद नारद राय ने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप भी लगाए।
नारद राय का पूर्वांचल बलिया में खासा प्रभाव है। हिंदू और मुसलमानों दोनों ही समुदायों के बीच उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। नारद राय की गिनती मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी लोगों में होती थी। चुनाव से ठीक पहले नारद राय का बागी रुख अख्तियार करना अखिलेश यादव के लिए बड़ी चुनौती का सबब माना जा रहा है।
#WATCH बलिया, उत्तर प्रदेश: पूर्व सपा नेता नारद राय ने भाजपा में शामिल होने पर कहा, “नेता जी(मुलायम सिंह यादव) के कमजोर होने के बाद उन्हें अपमानित किया गया… मैं इसका लगातार विरोध करता रहा… नेताजी ने खून के आंसू बहाए जब उन्हें अध्यक्ष के पद से हटाया गया था… अखिलेश यादव लोगों… pic.twitter.com/zpKVWWdlHI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 28, 2024
नारद राय ने बीजेपी में शामिल होने पर कहा, नेता जी मुलायम सिंह यादव के कमजोर होने के बाद जिस तरह से उन्हें अपमानित किया गया, मैं इसका लगातार विरोध करता रहा। नेताजी ने खून के आंसू बहाए जब उन्हें अध्यक्ष के पद से हटाया गया था। अखिलेश यादव जबर्दस्ती अध्यक्ष बन गए थे। अखिलेश लोगों से कहते रहते थे कि उनके और नेता जी के बीच दूरी नारद राय, ओम प्रकाश यादव और बलराम सिंह ने बनाई। 2022 में अखिलेश यादव ने मुझे नेता जी के दबाव में टिकट दी और मैं चुनाव न जीत पाऊं इसका भी इंतजाम कर दिया। सपा के मंच पर हम न जाएं इसका प्रबंध किया गया। अगर अखिलेश यादव मुझसे इतनी दूरी बनाकर रखना चाहते हैं तो मैंने भी उनसे दूर होने का संकल्प ले लिया। मैं बीजेपी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे सम्मान दिया।