newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Nilesh Kumbhani: सूरत में बीजेपी फिर करने वाली है बड़ा खेला!, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उम्मीदवार रहे नीलेश कुंभानी को कराएगी ज्वॉइन

Nilesh Kumbhani: नीलेश कुंभानी ने अपने प्रस्तावकों में बहनोई, भानजे और कारोबार में सहयोग करने वाले को प्रस्तावक बनाया था। इन तीनों के ही दस्तखत के मिलान की बारी आई, तो सभी प्रस्तावकों ने हलफनामा देकर कहा कि नीलेश कुंभानी के नामांकन पत्र में उनके साइन हैं ही नहीं।

सूरत। नीलेश कुंभानी आजकल चर्चा में हैं। नीलेश कुंभानी सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द हो गया था। जिसके कारण सूरत लोकसभा सीट पर मतदान हुए बगैर ही बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध सांसद चुन लिए गए। अब नीलेश कुंभानी को लेकर ताजा खबर आई है। सूत्रों की मानें, तो नीलेश कुंभानी अब बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। यानी बीजेपी सिर्फ सूरत की सीट जीतकर ही थम नहीं गई है। वो बड़ा खेला करने जा रही है। बीजेपी के इस खेल से कांग्रेस को दोहरी चोट लगना तय है।

नीलेश कुंभानी का नामांकन पत्र चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था।

वहीं, कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी को सूरत सीट पर हार का डर था। इस वजह से वहां मैच फिक्सिंग कराई गई और अनुचित प्रभाव के कारण मुकेश दलाल को विजयी घोषित किया गया। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि सूरत लोकसभा सीट पर फिर से चुनाव कराया जाए। दरअसल, नीलेश कुंभानी ने अपने प्रस्तावकों में बहनोई, भानजे और कारोबार में सहयोग करने वाले को प्रस्तावक बनाया था। इन तीनों के ही दस्तखत के मिलान की बारी आई, तो सभी प्रस्तावकों ने हलफनामा देकर कहा कि नीलेश कुंभानी के नामांकन पत्र में उनके साइन हैं ही नहीं।

सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल (बाएं) निर्विरोध सांसद चुने गए हैं।

इसके बाद रिटर्निंग अफसर यानी सूरत के डीएम ने तीनों प्रस्तावकों को सामने लाने के लिए नीलेश कुंभानी को कहा था। नीलेश उनको पेश भी नहीं कर सके। जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द् कर दिया गया और बाकी 8 अन्य प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया। इसके कारण सूरत सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर उनको जीत का सर्टिफिकेट भी प्रशासन ने दे दिया। अब अगर नीलेश कुंभानी बीजेपी में शामिल होते हैं, तो इससे साफ होगा कि उन्होंने सोची-समझी रणनीति के तहत अपना नामांकन रद्द करवाया। बहरहाल, कांग्रेस को सूरत में जोर का झटका लगा है। वहीं, बिना चुनाव के बीजेपी का पहला सांसद चुनकर लोकसभा में पहुंच चुका है।