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Yogi Adityanath’s Roar at Ballia Rally : योगी आदित्यानाथ ने भरी हुंकार, कहा-बड़े-बड़े माफियाओं की निकाल दी राम नाम सत्य की यात्रा

Yogi Adityanath’s Roar at Ballia Rally : कांग्रेस और एसपी की पूर्ववर्ती सरकारों पर बरसते हुए योगी बोले, जब हम तत्कालीन सरकार से कहते थे कि आतंकवाद से निपटो, तो उनका जवाब होता था कैसे निपटें, आतंकवादी तो सीमा पार से आए हैं। वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते उनके द्वारा आतंकवाद से निपटने में कोताही बरती जाती थी।

नई दिल्ली। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज बलिया में एक रैली को संबोधित करते हुए एक बार फिर कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों समाजवादी पार्टी, आरजेडी और टीएमसी पर निशाना साधा। सीएम बोले, राम भक्त वो हैं जिन्होंने 500 वर्षों के संघर्ष के बाद राम लला को टेंट से भव्य मंदिर में पहुंचा दिया। रामभक्त वो जिसने भारत का सम्मान बढ़ाया, देश की सुरक्षा पुख्ता की और यही नहीं बड़े-बड़े माफियाओं की राम नाम सत्य की यात्रा भी निकाल दी। रामभक्त तो यहीं करेंगे, सज्जनों का संरक्षण और दुर्जनों को स्वाहा।

योगी ने कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी बंगाल के अंदर साधु-संतों को धमका रही है और कह रही है कि आप धर्म की बात क्यों करते हो? अगर साधु-संत धर्म की बात नहीं करेंगे तो फिर किस बारे में बात करेंगे। योगी कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर भी बरसे। उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म के आधार पर देश में आरक्षण लागू करना चाहते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि जब हम 400 पार की बात करते हैं तो सपा-कांग्रेस को चक्कर आने लगते हैं। वह जब जनता से पूछते हैं कि 400 पार कैसे होगा तो जनता जवाब देती है, जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे। यूपी सीएम ने कहा कि चुनाव राम भक्तों और राम द्रोहियों के बीच सिमट गया है। रामद्रोही रामभक्तों पर गोलियां चलवाते हैं, आतंकवादियों और नक्सलवादियों के प्रति मन में सहानुभूति रखते हैं जिन्हें भारत के विकास पर पीड़ा होती है, जिनका धर्म बन गया है गरीबों का शोषण करना आज वही लोग कांग्रेस के नेतृत्व में एक हो गए हैं।

अखिलेश यादव पर बरसते हुए यूपी सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही इन्होंने सबसे पहले आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में समाजवादी पार्टी और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो आए दिन बम विस्फोट होते थे, कभी अयोध्या में तो कभी काशी में, कभी दिल्ली तो कभी मुंबई। जब हम तत्कालीन सरकार से कहते थे कि आतंकवाद से निपटो, तो उनका जवाब होता था कैसे निपटें, आतंकवादी तो सीमा पार से आए हैं। वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते उनके द्वारा आतंकवाद से निपटने में कोताही बरती जाती थी।