नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा में तकरीबन छह दशक तक दर्शकों पर अपना जादू बिखेरने वाले एवरग्रीन हीरो देव आनंद की आज बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म आज ही के दिन साल 1923 को पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था। वो मध्यम वर्गीय परिवार से थे। वो 50-60 के दशक के जाने-माने अभिनेताओं में एक थे। उनका जादू आज भी फैंस पर कायम है।
देव आनंद के बोलने का अंदाज ही निराला था। उनके डायलॉग्स लोगों की जुबां पर आज भी कायम हैं। उनके गाने भी आज तक फैंस गुनगुनाते हैं। देव आनंद की बर्थ एनिवर्सिरी पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जानें-
देव आनंद का पूरा नाम Dharamdev Pishorimal Anand था, जो बाद में देव आनंद हो गया था। वो नेवी में ऑफिसर बनना चाहते थे, जिसके लिए बॉम्बे आ गए, लेकिन जब वहां बात नहीं बनी तो उन्होंने मिलिट्री के सेंसर ऑफिस में नौकरी कर ली।
बॉम्बे में देव आनंद के बड़े भाई चेतन आनंद के जरिए वो थियेटर से जुड़े और इसके बाद उनका रुझान एक्टिंग की तरफ बढ़ने लगा।
साल 1946 में देव आनंद ने फिल्म ‘हम एक हैं’ से डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें कामयाबी 2 साल बाद फिल्म ‘जिद्दी’ से मिली।
देव आनंद ने 1950 में चेतन के साथ अपने बैनर नवकेतन फिल्म्स की शुरुआत भी कर दी थी।
इस बैनर की पहली हिट फिल्म ‘बाजी’ थी, जिसे गुरुदत्त ने डायरेक्ट की, जिनसे देव साहब की दोस्ती पहली फिल्म के दौरान हो गई थी।