नई दिल्ली। ‘सुरों की मलिका’ आशा भोसले ऐसी सिंगर हैं जिन्होंने ‘आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा’ जैसे हजारों सुपरहिट गाने गाए हैं। आशा भोसले (Asha Bhosle) के नाम न जाने कितने ही अवॉर्ड और रिकॉर्ड दर्ज है। 8 सितम्बर 1933 को जन्मी आशा ने 1943 से अपना करियर की शुरुआत की और तब से ही वो लगातार ऐसे गाने गाती रही हैं जिन्हें सुनकर हर कोई मंत्र मुगद हो गया। भोसले ने हिंदी फिल्मों में 1948 में रिलीज हुई फिल्म चुनरिया से गायन की शुरुआत की। उन्होंने पहला गाना ‘सावन आया’ हंसराज बहल के संगीत निर्देशन में गाया था। इस गाने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद एक उन्होंने करीह एक हजार से भी ज्यादा फिल्मों में गाने गाए हैं।
इसके साथ ही आशा भोसले के नाम 2011 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में संगीत के इतिहास में सबसे ज्यादा गाना रिकॉर्ड करने वाली गायिका के तौर पर दर्ज हो चुका है। इसके साथ ही उन्होंने कई विदेशी सेलिब्रिटी के साथ मिलकर भी कई गानों को बनाया हैं। ऐसे बहुत कम लोग ही होंगे जो जानते होंगे कि गानों के साथ ही आशा भोंसले ने एक फिल्म ‘माई’ में अभिनय भी किया है।
16 की उम्र में घर से भाग गई थीं
‘सुर कोकिला’, ‘सुरों की मलिका’ जैसे नामों से जानें जाने वाली आशा भोसले जितना अपने गाए गए गानों को लेकर चर्चा में रही हैं उतनी ही चर्चा में रही है उनकी निजी जिंदगी। कहा जाता है जब आशा महज 15-16 साल की थी जब वो प्यार में पड़ गई थी। वो भी किसी और से नहीं बल्कि बड़ी बहन लता मंगेशकर के पर्सनल सेक्रेटरी से। वहीं जब आशा के घरवालों को उनकी शादी के बारे में पता चला तो पूरा परिवार इसके खिलाफ था। फिर क्या आशा ने किसी एक की नहीं सुनते हुए गणपत के साथ घर छोड़ दिया। शादी के वक्त गणपत 31 साल तो वहीं आशा महज 16 की थी।
घरेलू हिंसा का शिकार हुईं
शादी के बाद जब आशा (Asha Bhosle first marriage) पति के साथ उनके घर गई तो उन्हें बहु जैसा सम्मान नहीं मिला। गणपतराव के परिवारवालें भी इस रिश्ते के खिलाफ थे। ऐसे में आशा को अपनी गलती का एहसास हुआ। इस दौरान उनके साथ मार-पीट की भी कोशिश की गई और दोनों के रिश्तों में खटास आ गई।