नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म आज ही के दिन साल 1963 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। लेकिन उनकी स्कूलिंग दिल्ली में ही हुई। यहीं उन्हें एक्टिंग का चसका लगा। दिल्ली के खालसा कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की बारिकियां सीखी। लेकिन कला तो उन्हें विरासत में मिली है।
सौरभ शुक्ला की मां जोगमाया शुक्ला भारत की पहली महिला तबला वादक थीं। उनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के एक संगीतकार थे। तो भला वो कला से कैसे दूर रहते। एक इंटरव्यू में सौरभ शुक्ला ने बताया था कि उनकी माता-पिता दोनों ही कलाकार तो थे ही साथ ही दोनों ही फिल्मों के शौकीन भी थे। वो उन्हें फिल्म दिखाने ले जाते थे। उनकी मां ने ही उन्हें एक्टिंग की राह दिखाई।
सौरभ शुक्ला ने फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया था। इसके बाद उन्होंने ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘करीब’ और ‘जख्म’ जैसी फिल्में की। लेकिन उन्हें वो पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वो हकदार थे।
लेकिन असली पहचान उन्हें रामगोपाल वर्मा की सत्या से मिली। इस फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर कल्लू मामा का किरदार निभाया था। जिसमें उन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा दिया था। आज भी उन्हें कल्लू मामा के नाम से ही जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पहले सौरभ शुक्ला इस रोल के लिए मना कर रहे थे।
शायद ही ये बात कोई जानता होगी कि सौरभ शुक्ला फिल्म सत्या के राइटर भी हैं। उन्होंने अनुराग कश्यप के साथ मिलकर इस फिल्म को लिखा है। अब तक उन्होंने लगभग 82 फिल्मों में काम किया है।