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The Gone Game Season 2 Review: मर्डर को सुलझाने के चक्कर में हुआ, खुद का मर्डर, क्या गॉन गेम सीजन 2 देखना चाहिए

The Gone Game Season 2 Review: मर्डर को सुलझाने के चक्कर में हुआ, खुद का मर्डर, क्या गॉन गेम सीजन 2 देखना चाहिए साहिल गुजराल क्या करता है और सुहानी का मर्डर किसने और क्यों किया इन्हीं सबके बीच कहानी घूमती है।

नई दिल्ली। आखिरकार वूट सेलेक्ट अपनी डिमांडेड सीरीज के साथ एक बार फिर वापस आ गया है। जी हां, यहां हम द गॉन गेम 2 के बारे में बात कर रहे हैं। पहले की तरह, द गॉन गेम 2 में वही पुराने कलाकारों ने काम किया है। इस सीरीज में भी आपको श्रिया पिलगांवकर, श्वेता त्रिपाठी, अर्जुन माथुर, दिबेंदु भट्टाचार्य और संजय कपूर दिखने वाले हैं। यह एक मिस्ट्री सीरीज है जिसमें सस्पेंस और थ्रिल का तड़का लगाने की कोशिश होती है। अगर आपको कुछ ऐसी क्राइम और सस्पेंस से जुडी हुई सीरीज देखनी है तो आप इसकी तरफ रुख कर सकते हैं। पर उससे पहले हमारा यह रिव्यू पढ़ते जाइये जिससे आपको ये पता लग जाये कि आखिर असल में ये सीरीज देखने के लायक है या नही है।

क्या है सीरीज में

कहानी एक मर्डर के इर्द गिर्द घूमती है। आपने अगर पिछला सीजन देखा होगा तब आप कहानी के दूसरे सीजन से जुड़ जायेंगे क्योंकि कहानी पहले सीजन के समाप्ति के साथ शुरू होती है। वैसे हम आपको कहानी के पिछले सीजन की याद दिलाते हैं हमने देखा था कि कैसे साहिल गुजराल सबसे लूटपाट कर भाग गया और उसके मर्डर के इलज़ाम में उसकी पत्नी सुहानी को जेल जाना पड़ता है। अब सीजन 2 में सुहानी यह प्रूफ करना चाहती है कि वो निर्दोष है और साहिल गुजराल जिन्दा है लेकिन सुहानी का खुद मर्डर हो जाता है। साहिल गुजराल क्या करता है और सुहानी का मर्डर किसने और क्यों किया इन्हीं सबके बीच कहानी घूमती है।

कैसी है सीरीज (वेब सीरीज रिव्यू )

इस सीरीज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये सिर्फ पांच एपिसोड की है। इसे आप जल्द से जल्द निपटा सकते हैं। एपिसोड की लम्बाई भी ज्यादा नहीं है। शो के बारे में अगर कहें तो शो ठीक ठाक है जिसे आप देख सकते हैं। शो ख़ास तो नहीं है पर अगर आप कोई हल्की-फुल्की क्राइम सीरीज देखना चाहते हैं तो इसे आप देख सकते हैं। फिल्म में सस्पेंस को रखने की कोशिश तो हुई है पर वो असरदायक नहीं है क्योंकि आपको सस्पेंस का अंदाजा हो जाता है। कहानी फ़ास्ट पेसिंग है तो आप बोर नहीं होंगे और कहानी से जुड़े रहेंगे। सीरीज का बैकग्राउंड म्यूजिक भी सामान्य है और एक्टिंग में ज्यादा कुछ ख़ास नहीं है। अगर फिल्म के स्क्रीनप्ले की बात करें तो चाहे वो संवाद हो या फिर सीन वो बहुत हल्के लगते हैं। कुछ करैक्टर तो कभी कभी लगता है, खामखां ही हैं। पूरी सीरीज को अगर आप देखने का कारण ढूंढेगे तो बस यही है, की ये ज्यादा समय नहीं लेती है। बाकी सीरीज बहुत ही ज्यादा सामान्य है। वूट सेलेक्ट पर इस सीरीज के 5 एपिसोड रिलीज़ कर दिए गए हैं, आप वहां जाकर देख सकते हैं।