नई दिल्ली। लस्ट स्टोरी 2 फाइनली आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज की जा चुकी है। लस्ट स्टोरी 2 नेटफ्लिक्स पर ही साल 2018 में आई 4 कहानियों की श्रृंखला वाली वेब सीरीज लस्ट स्टोरी का दूसरा संस्करण है। इसमें इस बार फिर चार अलग -अलग कहानियों को एक धागे में पिरोकर फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म में दिखाई गई ये कहानियां चार अलग-अलग लेखकों सुजॉय घोष, आर बाल्की, कोंकणा सेन शर्मा और पूजा तोलानी ने लिखी है। फिल्म का निर्देशन भी सुजॉय घोष, आर बाल्की और कोंकणा सेन शर्मा ने किया है। फिल्म में नीना गुप्ता, काजोल, कुमुद शर्मा, विजय वर्मा, तम्मना भाटिया, मृणाल ठाकुर और अंगद बेदी जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है। तो चलिए बिना किसी देर किए एक नजर डालते हैं फिल्म की कहानी पर…
पहली कहानी
फिल्म की पहली कहानी का जिम्मा आर बाल्की ने उठाया है। कहानी शुरू होती है वेदा (मृणाल ठाकुर) और अर्जुन (अंगद बेदी) की शादी की बातचीत से जहां सभी घरवाले बैठकर इनदोनो की शादी की प्लानिंग कर रहे होते हैं कि दादी बनी नीना गुप्ता अर्जुन से ऐसा सवाल पूछ बैठती हैं कि वहां मौजूद सभी घरवाले भौंचक्के हो जाते हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि कैसे एक दादी अपनी आज की जेनरेशन वाली पोती को ‘शादी से पहले टेस्ट ड्राइव’ लेने की सलाह देती है और अपनी पोती को से’क्स अडवाइसेस भी देती है।
दूसरी कहानी
दूसरी कहानी कोंकणा सेन शर्मा ने लिखी है और यही इस फिल्म का बेस्ट पार्ट भी है। जहां इशिता के किरदार में तिलोत्तमा सोम ने बेहतरीन एक्टिंग की है। शुरू के कुछ मिनट बिना कुछ कहे कहानी आगे बढ़ती है और फिर भी ये कहानी बांधे रखती है। ये कहानी दो औरतों की है। जिसमे एक जहां अपनी कॉरपोरेट माइग्रेन से परेशान है, तो वहीं दूसरी झुग्गी की घुटन से। दोनों महिलाओं की कहानी को कोंकणा ने बहुत ही संजीदगी से बुना है, जो फिल्म में साफ़ नजर आता है।
View this post on Instagram
तीसरी कहानी
तीसरा किस्सा सुजॉय घोष ने बुना है। ये किस्सा इस फिल्म का सबसे कमजोर हिस्सा भी है। तमन्ना और विजय दोनों की एक्टिंग ठीक है। लेकिन स्क्रिप्ट में कोई दम नहीं है। ये कहानी संवादों के सहारे आगे तो बढ़ती है लेकिन आगे जाकर बोर करने लगती है। काफी वक़्त तो आप ये समझने में निकाल देते हैं कि आखिर चल क्या रहा है? इस कहानी में से’क्स के साथ थ्रिलर को घुसेड़ने की नाकामयाब कोशिस की गई है।
चौथी कहानी
इस फिल्म की चौथी और आखिरी कहानी अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा और पूजा तोलानी ने लिखी है। कोंकणा की कहानी के बाद ये फिल्म की दूसरी कहानी है जिसे बेहतर कहा जा सकता है। इस कहानी में कुमुद मिश्रा ने अपनी आला अदाकारी से दिल खुश कर दिया है। वहीं तवायफ से एक राजा खानदान की बहु बनी रानी यानि काजोल का काम भी अच्छा है। हालांकि काजोल के लिए ऐसे रोल्स करना बायें हाथ का खेल है और इसीलिए काजोल ने इस किरदार के साथ न्याय किया है। कहानी की एंडिंग सबसे ज्यादा हार्ड हीटिंग है। फिल्म के इस पार्ट को कमाल कलाकार कुमुद मिश्रा और स्टार से एक्टर बनी काजोल के लिए देखा जा सकता है।