नई दिल्ली। बॉलीवुड की वो अभिनेत्री जो कभी लाखों दिलों की धड़कन हुआ करती थी। एक दौर की वो अदाकार जिनके बिना पर्दे पर फिल्में चलती ही नहीं करती थी। वो अभिनेत्री आज इस दुनिया में तो नहीं है, मगर उनका नाम आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। आज उसी अभिनेत्री का जन्मदिन है। हम बात कर रहे हैं, मुगल-ए-आज़म की अनारकली मधुबाला की, जो किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।
14 फरवरी 1933 को जन्मीं मधुबाला के बचपन का नाम ‘मुमताज जहां देहलवी’ था। फिल्म ‘बसंत’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट बॉलीवुड में कदम रखने वाली मधुबाला के अभिनय का जादू हॉलीवुड के निर्देशकों तक पहुंच गया था। ऑस्कर विनर निर्देशक फ्रैंक कापरा मधुबाला को हॉलीवुड में लॉन्च करने का मन भी बना चुके थे, लेकिन मधुबाला ने बॉलीवुड को ही चुना।
साल 1947 में आई फिल्म ‘नीलकमल’ में उन्होंने अपने अभिनय का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसी साल आई फिल्म ‘दिल की रानी’ और ‘अमर प्रेम’ में मधुबाला ने अपनी एक्टिंग से दुनिया को दीवाना बना लिया था।
लाखों दिलों पर राज करने वाली मधुबाला के जन्म से ही दिल में छेद था। जिसके चलते ना केवल उनका फिल्मी करियर तबाह हो गया, बल्कि उनकी जीवनलीला भी इसी बीमारी के चलते समाप्त हो गई। वो सिर्फ दिल की बीमारी से ही नहीं फेफड़ों की बीमारी से भी ग्रस्त थी।
दिल और फेफड़ों की बीमारी के चलते उनके शरीर में आवश्यक मात्रा से ज्यादा खून बनने लगा था। ये खून उनके मुंह और नाक से बाहर आता था। मधुबाला को बीमारियों ने इस कदर जकड़ लिया था कि, नौ सालों तक वो बिस्तर पर ही पड़ी रहीं। बीमारियों से जूझ रही मधुबाला 23 फरवरी, 1969 को महज 36 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई।
ताउम्र प्यार को तरसती रही मधुबाला
मधुबाला की छोटी बहन मधुर भूषण बताती हैं कि, वो ताउम्र सच्चे प्यार के लिए तरसती रही। मधुबाला का नाम बॉलीवुड के कई सितारों से जुड़ा, जिनमें ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार का नाम भी शामिल था। उस दौर के डायरेक्टर्स बताते हैं कि, फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में जैसी केमेस्ट्री दिलीप और मधुबाला ने दिखाई वो महज अभिनय नहीं था, वो उनका इश्क था। हालांकि इंडस्ट्री और बॉलीवुड करियर के चलते दोनों के रिश्तों में दरार पड़ गई। दिलीप कुमार से सगाई टूटने के बाद 1956 में ‘ढाक की महल’ की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात किशोर कुमार से हुई। 27 साल की उम्र में मधुबाला ने किशोर कुमार से शादी कर ली। शादी के बाद उनकी तबीयत लगातार बिगड़ी चली गई। मधुबाला की बिगड़ती हालत देख आखिरी समय में किशोर कुमार भी उनसे दूर चले गए। बीमारी के दौर में मधुबाला ने आखिरी नौ साल अकेले गुजारे। अपने अंतिम समय में भी वो प्यार को तरसती रही।