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Rocketry: The Nambi Effect Movie Review: कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जो थिएटर में देखने के बाद आपके साथ घर तक जाती हैं, ये उन फिल्मों में टॉप पर है

Rocketry: The Nambi Effect Movie Review: कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जो थिएटर में देखने के बाद आपके साथ घर तक जाती हैं, ये उन फिल्मों में टॉप पर है , आज के समय के लिए यह एक बेहद जरूरी फिल्म है जिसे देश के हर युवक और युवती को देखना चाहिए।

नई दिल्ली : काफी दिन के इंतजार के बाद आज राकेट्री :द नाम्बी इफेक्ट आखिरकार रिलीज़ हो गयी। फिल्म में आर माधवन, सिमरन और रजित कपूर मुख्य भूमिका में हैं। लगातार इस फिल्म की चर्चाएं हो रही थी और फिल्म देखने के बाद इसकी चर्चा का बढ़ जाना वाजिब भी है। फिल्म जिस विषय पर बेस्ड है, उस विषय पर बनी कहानी सभी को देखना चाहिए और जानना भी चाहिए। फिल्म में नाम्बी नारायणन की भूमिका निभा रहे आर माधवन ऐसा जमते हैं की आप भूल जाते हैं कि, ये आर माधवन ही हैं। फिल्म को आर माधवन ने ही लिखा है, डायरेक्ट किया है और एक्टिंग भी उन्होंने खुद की है। इतना सब भार उन्होंने अपने कन्धों पर सिर्फ इसलिए लिया, क्योंकि वो राष्ट्र के लिए, योगदान देने वालों के विषय में, कहना चाहते थे, वो एक साइंटिस्ट की कहानी कहना चाहते थे।

क्या है कहानी

कहानी एक ऐसे साइंटिस्ट पर बेस्ड है जिसने भारत को प्रगति तक पहुंचाने के लिए, रास्ते तैयार किये। जो भारत को जल्द से जल्द ऊंचाई पर पहुँचाना चाहता था। लेकिन आप तो जानते ही हैं न, जब जब भारत देश ने प्रगति की ओर कदम बढ़ाया है तब तब आकर विदेशी ताक़त ने बीच में टांग अड़ा दी है। कहानी नाम्बी नारायणन की – जिन्हें झूठे केस में फंसा दिया जाता है और उनपर देशद्रोह का मुकदमा लग जाता है। भारत के ही लोग, एक महान साइंटिस्ट पर आरोप लगाने लगते हैं कि उन्होंने भारत के कुछ खुफिया दस्तावेज, दूसरे देश को बेचे हैं। साइंटिस्ट को देशद्रोही बनाकर 50 दिन के करीब जेल में रखा जाता है वहां उन्हें बुरी तरह से टॉर्चर किया जाता है। उन्हें मानसिक, शारीरिक रूप से कष्ट दिया जाता है और ये सब करने वाले कोई बाहरी लोग नहीं थे बल्कि अपने लोग ही थे। ये सब होने के पीछे, हमेशा की तरह विदेशी ताक़त का हाथ था। फिल्म नाम्बी नारायणन की स्ट्रगल को दो दिखाती है। इसके अलावा उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी क्या हासिल किया और क्या गंवाया यह भी दिखाती है, कहानी दिखाती है कि कैसे अपने ही देश के लोग, देश की तरक्की के लिए बाधक बनते हैं।

फिल्म कैसी है

फिल्म जबरदस्त, जिंदाबाद सबकुछ है। ऐसी फिल्म रोज रोज देखने को नहीं मिलती हैं जो सच्चाई से रूबरू कराये। हमें प्यार, मोहब्बत, मर्डर इन सबकी कहानी तो रोज देखने को मिल जाती है पर उन कहानियों को हम कम देख पाते हैं, जिनसे हमें भारत का इतिहास पता चले, जिनसे हमें भारतीय होने पर गर्व महसूस हो। ये उन कहानियों में से है, जिनसे पता चलता है कि, भारत में ऐसे कौन-कौन महान लोग हैं, जिन्हें देश को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए असहनीय पीड़ा से गुजरना पड़ा है। फिल्म की राइटिंग की बात करें तो फिल्म बेहतरीन है जिसमें ड्रामा भी है, साहस भी है और थ्रिलर भी है। फिल्म के डायलाग आपको टच करके जाते हैं जो आपको थिएटर से लौटने के बाद भी याद रहते हैं। कुछ सीन और संवाद ऐसे हैं जो आपकी आँखों में, आंशू ला देंगे। फिल्म का फर्स्ट हाफ, काफी दुःख भरा हैं जहाँ आपको नाम्बी नारायणन की जिंदगी रुलाती है और फिल्म का सेकंड हाफ आपको गौरवान्वित महसूस कराता है। फिल्म में शाहरुख़ का रोल देखकर आप दंग रह जायेंगे और जो स्पीच उन्होंने आखिरी में दी है वो आपको स्तब्ध कर देगी और फिल्म से लौटने के बाद भी याद रहेगी। ओवरआल राकेट्री : द नाम्बी इफेक्ट, बेहद शानदार कहानी है जिसका सबकुछ अच्छा है भले ही वह एक डायरेक्टर की, पहली फिल्म हो। फ़िल्म आपको देश विदेश की यात्रा भी कराती है जहाँ कुछ सीन देखकर आप रोमांचित हो जाते हैं। अगर फिल्म में आर माधवन की एक्टिंग की बात करें तो आपको बता दें कि, आप फिल्म देखिये आपको लगेगा ही नहीं, कि वो कहीं से आर माधवन हैं आपको स्क्रीन पर सिर्फ, नाम्बी नारायणन ही देखने को मिलेंगे। फिल्म आपको कितना जोड़कर रखती है अगर इस पर बात करें तो इतना समझिये कि यह आपको सीट से उठने नहीं देगी और पूरी फिल्म आपको इमोशनल के साथ एंटरटेन भी करेगी।

फिल्म रिलीज़ हो गयी है और अगर तथ्यात्मक दृष्टिकोण की बात करें, तो आर माधवन की, कई वर्षों की मेहनत नज़र आती है। आज के समय के लिए यह एक बेहद जरूरी फिल्म है जिसे देश के हर युवक और युवती को देखना चाहिए। फिल्म, आपको बहुत सारे तथ्यों, साइंस और आपके देश के महान लोगों की कहानी कह कर जाती है। ऐसी और फिल्मों की भारतीय सिनेमा को जरूरत है और उम्मीद है आगे बनते भी रहेंगी।