नई दिल्ली। कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) अक्सर अपने ट्वीट को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। इसी का खामियाजा उन्हें अब भुगतना पड़ रहा है। शुक्रवार को उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना (Contempt of Court) की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने कामरा से 6 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है कि आखिर क्यों उनके खिलाफ अवमानना का केस न चलाया जाए। बता दें कि कामरा के व्यक्तिगत पेशी से छूट दी गई है।
वहीं, अवमानना मामले में कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। उनसे भी 6 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है। बता दें कि अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के शीर्ष अदालत के खिलाफ ट्वीट्स के लिए कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने के बाद याचिका दाखिल की गई थी, जिसे मंजूरी मिल गई थी।
बता दें कि कोर्ट की अवमानना के मामले में कामरा के खिलाफ याचिका डालने वाले याचिकाकर्ता के वकील निशांत कातनेश्वरकर ने कहा था कि उनके पोस्ट ने जनता की नजर में न्यायपालिका के सम्मान को कम किया है और ये अपमानजनक हैं। याचिकाकर्ता ने कुणाल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से अप्रूवल मांगा था। जिसके बाद अटॉर्नी जनरल ने कहा था कुणाल के ट्वीट अवमानना के दायरे में आते हैं और उन्होंने ने केस चलाने की अनुमति दे दी थी।
Supreme Court asks them to file their responses in six weeks. The top court says Kunal Kamra and Rachita Taneja don’t need to appear in person before the court. https://t.co/4IaBU77J4U
— ANI (@ANI) December 18, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले कामरा ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी को जमानत मिलने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। दरअसल, याचिका में कामरा पर न्यायपालिका पर कई विवादित ट्वीट करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े और जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ पर तंज कसा था। ये तंज उन्होंने इसलिए कसा था क्योंकि जस्टिस चंद्रचुड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को सुसाइड के लिए उकसाने वाले साल 2018 के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी।