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Brahmastra: ब्रह्मास्त्र को 2 स्टार दे कर बकवास फ़िल्म बताने वाले तरन आदर्श का बयान : फ़िल्म आगे चलेगी इसकी उम्मीद….

Brahmastra: ब्रह्मास्त्र को 2 स्टार दे कर बकवास फ़िल्म बताने वाले तरन आदर्श का बयान : फ़िल्म आगे चलेगी इसकी उम्मीद…. तरन आदर्श ने ट्वीट कर बताया है कि फिल्म अच्छी नहीं है। लेकिन यहां पर हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों तरन आदर्श ने इस फिल्म को निराशाजनक बताया है।

नई दिल्ली। बॉयकॉट ब्रह्मास्त्र (#BoycottBrahmastra) लगभग खत्म हो गया है और ब्रह्मास्त्र (Brahmastra) फिल्म को रिलीज़ भी कर दिया गया है। फिल्म रिलीज़ होने के बाद लोगों के रिव्यू भी आ गए हैं। जिसमें से ज्यादातर लोगों का कहना है कि फिल्म अच्छी नहीं है। ज्यादातर लोग फिल्म की कहानी को बकवास बता रहे हैं तो वहीं कुछ कहानी और वीएफएक्स सभी को बेकार बता रहे हैं। रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की केमिस्ट्री भी लोगों पर वो असर नहीं डाल पा रही है। जितने भी बड़े से बड़े ट्रेड एनालिस्ट (Trade Analyst) हैं या जर्नलिस्ट (Entertainment Journalist) हैं, लगभग सभी ने फिल्म के को अच्छा नहीं बताया है। भारत के मशहूर ट्रेड एनालिस्ट हैं तरन आदर्श (Taran Adarsh)। जिनके रिव्यू और ट्रेड की खबरों पर लोग विश्वाश करते हैं उन्होंने भी इस फिल्म को निराशाजनक (Disappointment) बताया है। तरन आदर्श ने ट्वीट कर बताया है कि फिल्म अच्छी नहीं है। लेकिन यहां पर हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों तरन आदर्श ने इस फिल्म को निराशाजनक बताया है।

उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी फिल्म

फ़िल्मी फीवर से हुई बातचीत में तरन आदर्श कहते हैं,“मेरी व्यक्तिगत राय है कि यह फिल्म उम्मीदों के मुताबिक़ बिल्कुल भी खरी नहीं उतरती है। उसके कई कारण हैं। क्योंकि जब आप किसी फिल्म को बनाने में इतना वक़्त लेते हैं इतने बड़े सितारों को फिल्म में लेते हैं। इतने बड़े सेटअप होने के बावजूद, इतने ज्यादा प्रमोशन और बज्ज बनने के बावजूद ये फिल्म उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है। जिसका प्रमुख कारण है इस फिल्म का लेखन। इस फिल्म की स्क्रिप्ट बांधने में असफल रहती है। फिल्म के माध्यम से आप जो कहना चाहते हैं, वो बात कहीं न कहीं खो जाती है।”

दर्शकों को जोड़ने में असफल है फिल्म

तरन आदर्श ने आगे कहा,“फिल्म में निर्देशक, एक जहाज का कैप्टेन होता है। उसी के हाथ में सब कुछ होता है। आप फिल्म को लिख कितना भी अच्छा दें उसके बाद पर्दे पर निर्देशक का निर्देशन ही उसे दिखाता है। ये मायने नहीं रखता है कि इस फिल्म को किसने कितना वक़्त दिया और किसने कितना पैसा लगाया है। क्योंकि जो दर्शक 3 घंटे वक़्त लगाकर पैसा खर्च कर रहे हैं उनका भी वक़्त और पैसा दोनों खर्च हो रहा है। जब दर्शक एक बार फिल्म देखने के लिए जाते हैं तो फिल्म की कहानी (Story) और पटकथा (Screenplay) ही मायने रखती है। आपकी फिल्म में दम होगा तो दर्शक उसे सराहेंगे और अगर दम नही होगा तो वो उसे रिजेक्ट भी कर देंगे। इस फिल्म की पटकथा, ख़ासकर दूसरे भाग में दर्शकों को जोड़ने में असफल होती है।

फिल्म आगे चलेगी उसकी उम्मीद कम

तरन आदर्श ने बताया कि इस फिल्म को शुरुआत बहुत अच्छी लगी है। काफी समय बाद एक फिल्म को इतनी अच्छी ओपनिंग मिली है। उम्मीद है फिल्म के पहले तीन दिन काफी अच्छे रहेंगे लेकिन काश मैं ये कह पाता और फिल्म का कंटेंट अच्छा होता जिसके कारण मैं इसे कह पाता कि ये तीन दिन के बाद आने वाले दिनों में भी चलेगी पर ऐसा लगता नहीं है। हालांकि मैं उम्मीद करता हूं फिल्म कमाई करे और मेरा रिव्यू गलत साबित हो। मुझे ये फिल्म पसंद नहीं आई है अब देखना है जनता जनार्दन फिल्म को आसमान पर बैठाती है या फिर जमीन पर गिराती है।

आगे कहते हैं,”फिल्म का सबसे बड़ा हिस्सा होता है फिल्म की कहानी और अगर कहानी बिल्कुल पीछे हो जाए और फिल्म का वीएफएक्स का हिस्सा आगे हो जाए तो ये कहीं न कहीं आपकी हार है। मुझे लगता है ब्रह्मास्त्र उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है।