नई दिल्ली। मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) का आज जन्मदिन हैं। वो अपना 70वां बर्थडे मना रहे हैं। आज ही के दिन उनका जन्म मुंबई में साल 1951 को हुआ था। लेकिन क्या आप जानते है कि वो फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। वो सिर्फ तबले पर नहीं फिल्मी पर्दे पर भी उस्ताद हैं। उनके चाहने वाले दुनियाभर में मौजूद हैं। ऐसे में आज हम आपको उनकी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं।
इस फिल्म से किया था एक्टिंग डेब्यू
ये बात कुछ ही लोग जानते हैं कि उन्हें तबला वादक के साथ-साथ अभिनय का भी शौक है। उन्होंने साल 1983 में एक्टिंग डेब्यू किया था। फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ से उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में दिवंगत एक्टर शशि कपूर ने लीड किरजार निभाया था।
कई फिल्मों में आए थे नजर
इसके अलावा वो कई फिल्मों में नजर आए थे। साल 1988 में वो फिल्म द परफेक्ट मर्डर में भी अभिनय करते नजर आए थे। इसके अलावा वो साल 1992 में ‘मिस बैटीज चिल्डर्स’ और 1998 में ‘साज’ जैसी फिल्मों में भी अपनी कला दर्शकों को दिखा चुके हैं।
जाकिर हुसैन का जन्म और शिक्षा
आपको बता दें कि जाकिर हुसैन का जन्म आज के दिन मुंबई में पैदा हुए। उन्होंने मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की। छोटी सी उम्र में ही उन्होंने तबला बजाना शुरू किया। जिसके बाद 11 साल की उम्र में अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया था। इसके बाद उनके करियर को एक नई और बड़ी राह मिली। साल 1973 में उनका पहला एलबम लॉन्च हुआ था। जिसका नाम- लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड है। इस एलबम ने खूब वाहवाही बटोरी। इसके बाद से ही तो उनका करियर ऊंचाइयों को छूने लगा। जाकिर हुसैन को ग्रेमी अवॉर्ड मिल चुके हैं, वो भी एक बार नहीं दो बार।
जाकिर हुसैन को दिग्गजों से मिले थे 5 रुपए
उनके बारे में कई किस्से कहे जाते हैं, ऐसा ही एक किस्सा उनके बचपन से जुड़ा है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि 12 साल की उम्र में वो अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में साथ गए थे। उस समय वहां संगीत की दुनिया के कई दिग्गज मौजूद थे। उनमें पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, बिस्मिल्लाह खान, पंडित शांता प्रसाद और पंडित किशन महाराज शामिल थे। सभी स्टेज पर थे कि तभी संयोजकों में से एक ने उस्ताद जाकिर हुसैन को स्टेज पर बुलाया था। जिसके बाद हुसैन को 5 रुपए मिले। उनके मुताबिक, वो उनके लिए सबसे कीमती तोहफों में से एक था।
जाकिर हुसैन को साल 1992 में द प्लेनेट ड्रम
साल 1992 में द प्लेनेट ड्रम और 2009 में ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट के लिए उन्हें 2 ग्रैमी अवार्ड मिले। साथ ही उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और संगीत नाटक अकादमी की ओर से सम्मान मिल चुके हैं।