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दुनियाभर में 60 साल में आए 10 जानलेवा वायरस, कोरोना सबसे संक्रामक, मारबर्ग सबसे जानलेवा

भारत में इस समय कोरोना के मामलों (Corona Case in Idia) में लगातार वृद्धि आ रही है। इस घातक महामारी (Corona Virus) के कुल मामलों की बात करें तो अब ये आंकड़ा 26 लाख के पार पहुंच गया है।

नई दिल्ली। भारत में इस समय कोरोना के मामलों (Corona Case in Idia) में लगातार वृद्धि आ रही है। इस घातक महामारी (Corona Virus) के कुल मामलों की बात करें तो अब ये आंकड़ा 26 लाख के पार पहुंच गया है। में 30 जनवरी को कोरोना का पहला (Corona First Case in India) केस आया, उसी दिन डब्लूएचओ (WHO) कोरोना को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी (Public health emergency) घोषित कर चुका था। तो वहीं,पिछले 60 साल में वायरस संक्रमण की जितनी बड़ी बीमारियां आईं, उनमें कोरोना सबसे ज्यादा देशों तक फैला है। कोरोना पहला ऐसा वायरस है ,जो दुनिया के 215 देशों और द्वीपों तक फैला है। इससे पहले किसी भी वायरस का प्रकोप इतने देशों तक नहीं फैला।

Patna AIIMS Corona

वायरस का डेथ रेट

हालांकि कोरोना वायरस को लेकर राहत की बात ये है कि इसका डेथ रेट बाकी संक्रमणों के मुकाबले काफी कम है। इसकी चपेट में आए 3.5% लोगों की जान गई है। डेथ रेट के मामले में सबसे खतरनाक वायरस मारबर्ग था। इसके चपेट में आए 80% लोगों की जान गई थी। निपाह वायरस के 78% तो हेंड्रा वायरस के 57% फीसदी मरीजों की जान गई।

कोरोना का संक्रमण ज्यादा फैल रहा

लगभग सभी वायरस एक दूसरे व्यक्ति तक फैलते हैं। कोरोना के संक्रमण बाकी किसी भी वायरस से ज्यादा लोगों तक फैला। इसके एक मरीज ने औसतन डेढ़ से साढ़े तीन लोगों तक संक्रमण को फैलाया। कोरोना के बाद सार्स दूसरा सबसे ज्यादा फैलने वाला वायरस है। इसके एक संक्रमित ने तीन लोगों को संक्रमित किया।

मारबर्ग वायरस ने ली 475 लोगों की जान

आज से 53 साल पहले 1967 में यह वायरस सर्बिया और युगोस्लाविया में सबसे पहले सामने आया। 1967 से लेकर 2014 तक इस वायरस के मामले सामने आते रहे। 13 देशों में इस वायरस का असर देखा गया, जिसमें से अधिकतर अफ्रीकी देश हैं। अब तक इस वायरस के सिर्फ 587 मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा मामले अंगोला और डीआर कांगो में सामने आए हैं। दोनों देशों को मिलाकर 528 मामले होते हैं, जो कुल मामलों का लगभग 90% है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह ही कि सिर्फ 587 मामलों में 475 लोगों की मौत हो गई। यह दुनिया का सबसे जानलेवा वायरस है। इसकी मृत्यु दर 80% है।

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बर्ड फ्लू ने ली 455 लोगों की जान

बर्ड फ्लू वायरस का नाम हर साल आप कम से कम एक बार तो जरूर सुनते होंगे। 2003 सबसे पहले यह वायरस पक्षियों से इंसानों में देखा गया था। सन 2003 से 2019 तक इस वायरस का असर 17 देशों में फैल चुका था। 2019 तक कुल 861 मामले सामने चुके थे। 861 मामलों में से 455 लोगों की मौत हुई। इसकी मृत्यु दर करीब 53% है।

इबोला ने ली 13 हजार लोगों की जान

इबोला सबसे पहले 1976 में सामने आया था। 44 सालों के बाद भी इस वायरस को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका है। 44 सालों में यह वायरस 16 देशों में फैल चुका है। सीरिया, लाइबेरिया और गिनी में इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आए। 31 हजार मामलों में 28 हजार से ज्यादा मामले इन तीन देशों में आए, जो कुल मामलों का 92% है। इसे डब्ल्यूएचओ ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया। इस संक्रमण से अभी तक करीब 13 हजार लोगों की जान जा चुकी है। 2013 से 2016 के बीच ही सीरिया, लाइबेरिया और गिनी के 11,300 लोगों की जान ली इस संक्रमण से गई। इसकी मृत्यु दर 40% से ऊपर है।

मर्स ने ली 858 लोगों की जान

मर्स वायरस सबसे पहले 2012 में सामने आया। पिछले 8 साल से अभी तक इसके मामले सामने आ रहे हैं। आठ साल में यह वायरस 27 देशों में फैल चुका है। अभी तक इस वायरस के 2494 मामले सामने आ चुके हैं। इसके चलते अब तक 858 लोगों की जान जा चुकी है। इस वायरस की मृत्यु दर 34% से ऊपर है।

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सार्स ने ली 813 लोगों की जान

सार्स वायरस के सबसे ज्यादा मामले चीन और हॉन्गकॉन्ग में सामने आए। ये वायरस 30 देशों तक फैल चुका है। अब तक 8,437 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से सात हजार से ज्यादा मामले सिर्फ चीन और हॉन्गकॉन्ग में सामने आए। यानी, कुल मामलों का 84% से ज्यादा। इस वायरस से अब तक 813 मौतें हुईं। यानी, मृत्यु दर लगभग 10% है।