लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग पर धावा बोलकर तोड़फोड़ की थी।
नई दिल्ली। ब्रिटेन में भारत के खिलाफ हिंसा करने वाले खालिस्तानी आतंकियों की खैर नहीं है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस साल मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग और जुलाई में अमेरिका में भारत के कोंसुलेट पर धावा बोलने वाले 15 खालिस्तानी आतंकियों की पहचान कर ली है। हिंदी अखबार हिंदुस्तान के मुताबिक करीब 2 महीने पहले एनआईए ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हंगामा बरपाने में शामिल 45 खालिस्तानी आतंकियों के फोटो जारी किए थे। बताया जा रहा है कि इनमें से 15 लोगों को पहचान लिया गया है। अखबार के मुताबिक अब इन खालिस्तानी आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी है।
पहली बार ऐसा हो रहा है, जब विदेश में बसे खालिस्तानी आतंकियों की इस तरह पहचान कराई गई है। इससे पहले खालिस्तानी तत्व और आतंकी भारत और उसके संस्थानों के खिलाफ हिंसा की कार्रवाई करते थे और नारेबाजी में हिस्सा लेते थे। तब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी। अब मोदी सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और ब्रिटेन की सरकार ने भी साफ कहा है कि खालिस्तानी समेत किसी भी भारत विरोधी तत्व को अपने देश में वो बर्दाश्त नहीं करने वाली है। ऐसे में जल्दी ही इन 15 खालिस्तानी आतंकियों को भारत के हवाले कराने की कोशिश एनआईए कर रही है। अखबार के मुताबिक इसी साल 2 जुलाई को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भी भारतीय कोंसुलेट को निशाना बनाने वालों की भी पहचान हुई है।
विदेश में बसे खालिस्तानी तत्व इतने बेपरवाह हो गए हैं कि बीते दिनों उन्होंने कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य वरिष्ठ स्टाफ की फोटो लगाकर वांटेड वाले पोस्टर तक जारी किए थे। कनाडा के सर्रे शहर में इन खालिस्तानी आतंकियों ने इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी भी निकाली थी। इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-20 की बैठक में आए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से भी नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की मांग की है। इसी तरह की मांग मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनिस से भी की थी। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार ने खालिस्तानी तत्वों की नकेल कसने का काम किया है।